‘कॉफी विथ दीपक’: बदलते दौर में भी सुरक्षित है पत्रकारिता का भविष्य: चौरसिया

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इंदौर। वरिष्ठ पत्रकार दीपक चौरसिया ने कहा कि दुनिया में परिवर्तन का दौर चल रहा है जिसमें सबकुछ बदल रहा है। ऐसे में पत्रकारिता के क्षेत्र में भी लगातार बदलाव आ रहे हैं। बदलते दौर में भी पत्रकारिता का भविष्य सुरक्षित है।

चौरसिया आज स्टेट प्रेस क्लब, मध्यप्रदेश द्वारा होटल रेडिसन ब्लू में आयोजित ‘कॉफी विथ दीपक’ कार्यक्रम में बोल रहे थे।
प्रारंभ में स्टेट प्रेस क्लब,मध्यप्रदेश के अध्यक्ष प्रवीण कुमार खारीवाल ने चौरसिया का स्वागत किया। कार्यक्रम के सूत्रधार वरिष्ठ पत्रकार राजा शर्मा थे।उन्होंने पत्रकारिता के वर्तमान दौर से सम्बन्धित कई मुद्दों पर बातचीत की।
चौरसिया ने पत्रकारों के अनेक सवालों के जवाब दिए। उन्होंने कहा कि 1980 से 1996 तक पत्रकारिता का जो दौर था वह अब बदल चुका है। अब मिशन की बजाए उद्यम का दौर आ गया है। उन्होंने पत्रकारों की एकजुटता की आवश्यकता पर जोर देते हुए कहा कि जब मुझ पर शाहीनबाग पर हमला हुआ था तब किसी भी चैनल ने कोई ख़बर प्रसारित नहीं की थी।


चौरसिया ने सोशल मीडिया को नई पत्रकारिता का सशक्त माध्यम बताया। सोशल मीडिया के माध्यम से आमजन पत्रकार तक की ख़बर लें लेता हैं। आज के दौर में पत्रकार यदि छोटी सी ग़लती भी कर दें तो उसको ट्रोल करने में भी पीछे नहीं रहते। अर्णव गोस्वामी प्रकरण में उन्होंने कहा कि यह उद्धव ठाकरे की नाक का सवाल बन गया था जिसका खामियाजा अर्नब ने भुगता।

चौरसिया ने स्वीकार किया कि कोरोना कॉल में मीडिया जगत में संकट आया है लेकिन नए नए प्रयोगो से मीडिया जगत फिर से अपने पैरों पर खड़ा हो गया हैं। एक प्रश्न के जवाब में उन्होंने कहा कि मीडिया में  महिलाओं के लिए पर्याप्त और उजले अवसर हैं। इस दौर में कई महिला पत्रकार महत्वपूर्ण पदों पर काबिज़ हैं।

कार्यक्रम के अंत में वरिष्ठ पत्रकार रचना जौहरी एवं मीना राणा शाह ने दीपक चौरसिया को प्रतीक चिन्ह भेंट किया।अंत में समन्वयक आकाश चौकसे ने आभार माना। कार्यक्रम में बड़ी संख्या में मीडियाकर्मी मौजूद थे।