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खिदमत के जज्बे से लबरेज थे राहत इंदौरी
अखिल राज हमसे पूछो के गजल मांगती है कितना लहू, सब समझते हैं ये धंधा बड़े आराम का है। ये राहत इंदौरी का एक मकबूल शेर है। इसमें वे बड़ी
मिकी बी ने भारतीय सेना के जवानों के सम्मान में रचा “दिल मांगे मोर”
कोविड-19 की महामारी के हमले के बाद आने वाला भारत का 74 वां स्वतंत्रता दिवस एक नए भारत का उदय देख रहा है। एक नया, अधिक साहसी और जिंदादिल
‘हम तो उसकी दुनिया में बाजार करने आये हैं!
गौरीशंकर दुबेे बात 1981 की है। मालवा मिल के मजदूरों के ज्यादातर बच्चे यशवंत निवास रोड पर मालवा मिल सरकारी स्कूल में पढ़ते थे। स्कूल दो से पांच बजे तक
उर्दू शायरी के बहुरुपिये का मंच छोड़ना!
सोपान जोशी उर्दू जुबान और उसकी शायरी पीछे मुड़ के देखती है, एक गुजरे जमाने की ओर। राहत इंदौरी उन इने-गिने शायरों में रहे, जिनकी वजह से नए लोगों के
सम्मान से नहीं चंदे से डरते थे…राहत !
राजेश राठौर राहत इंदौरी के सम्मान की बात दो-तीन साल से चल रही थी। जब भी उनसे बात होती थी, तो वो हंसकर टाल देते थे, उनको समझाने की कोशिश
जिस्म के गौतम से क्या उम्मीद, कब घर छोड़ दे
हिदायतउल्ला खान राहत इंदौरी जब रंग से खेला करते थे, तब भी उनके पास कई दोस्त थे, लेकिन अब ज्यादा नहीं हैं। जो हैं उनमें इंदौर के हीरानंद दानीवर भी
मुल्कों की तरह लोगों के दिल जीते हैं
हिदायतउल्लाह खान अस्पताल पहुंचने से पहले राहत इंदौरी ने शायर अल्ताफ जिया को फोन लगाया था और शेर सुनाया- तमाम शहर ने की मेरी मग़फिऱत की दुआ…मुझे भी मौत पर
चेहरे की राजनीति?
शशिकांत गुप्ते कोई भी शख़्स खुद का चेहरा स्वयं नहीं देख पाता है।चेहरा देखने के लिए दर्पण की आवश्यकता होती है। फिल्मों में चेहरे पर बहुत से गीत लिखे गए
जब छात्र राहत ने प्रसिद्ध शायर जानिसार अख्तर के सामने ग़ज़ल पढ़ने की बात कही
वर्षा मिर्जा राहत इंदौरी जब नवीं कक्षा में नूतन हायर सेकंडरी स्कूल में पढ़ते थे, तब स्कूल में एक मुशायरा हुआ। राहत की ड्यूटी शायरों की खिदमत करने के लिए
अभी-अभी, मैं शायर बदनाम
प्रदीप शर्मा कल शाम से ही मैं आहत हूं ! आज मैं राहत का जिक्र नहीं करना चाहता,क्योंकि कल से ही चारों और राहत राहत का शोर मचा है,राहत इंदौरी
एक कलंदर जो हर दिल अजीज रहा…अलविदा राहत इंदौरी
राजेश ज्वेल राहत इंदौरी को मैं शायरों का अमिताभ बच्चन कहता रहा हूं, क्योंकि उनकी शायरी में एंग्रीयंगमैन जैसे ही तेवर ही नजर आते थे… राजनीति पर उनकी शायरी जहां
जन्माष्टमी, गणेश उत्सव, मोहर्रम पर्व घर पर रहकर मनाये
कोविड़-19 के अन्तर्गत शासन द्वारा दिये गये निर्देषों के अनुसार जन्माष्टमी, गणेश उत्सव, मोहर्रम पर्व पर नही किये जाएगे सार्वजनिक कार्यक्रम यह निर्णय कलेक्टर श्री नीरज कुमार सिंह की अध्यक्षता
क्या यह ‘विचार शून्य’ समाज की ओर बढ़ने का संकेत है?
अजय बोकिल देश में एक टेबलाॅयड अखबार के बंद होने की खबर ने इस बार देश के मीडिया जगत और खासकर पत्रकारों को जिस ढंग से भीतर तक हिला दिया,
हर आत्महत्यारा सुशांत नहीं होता
राकेश अचल फिल्म अभिनेता सुशांत सिंह की आत्महत्या का मामला इतना तूल पकडे हुए है कि पूरे देश के टीवी चैनल हलकान हैं ,बिहार और महाराष्ट्र की सरकारें आमने-सामने हैं
‘हिंदी थोपने’ की पाॅलिटिक्स के बजाए नए मुद्दे तलाशें तो बेहतर
अजय बोकिल यूं तो यह बात दक्षिण भारतीयों पर ‘हिंदी थोपने’ की पालिटिक्स का हिस्सा ही ज्यादा लगती है, लेकिन यह प्रसंग जिस तरह चेन ट्वीट्स में बदला, उसमें कुछ
योगी मस्जिद में क्यों न जाएं ?
डॉ. वेदप्रताप वैदिक उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा था कि अयोध्या के पास बननेवाली मस्जिद के शिलान्यास में मैं नहीं जाऊंगा, क्योंकि मैं योगी हूं और हिंदू हूं।
कहो तो कह दूँ = और यमराज भैंसे पर सवार ‘सीबीआई’ दफ्तर के लिए निकल पड़े
चैतन्य भट्ट यमराज अपने कमरे में बेचैनी से टहल रहे थे, बार-बार उनकी निगाह दरवाजे पर जा रही थी, कितनी देर हो गई है चित्रगुप्त को बुलाए लेकिन वो अभी
रोने की कला..!
“रोना एक कला है। इसके लिए गला भर काफी नहीं,गति-लय, आरोह-अवरोह भी चाहिए होता है। ज्यादातर मामलों में लोगों को मजबूरी में रोना पड़ता है। दिल हंसता है, मुंह से
‘अपनी-अपनी ढपली, अपना-अपना राग’….
दिनेश निगम ‘त्यागी’ – कांग्रेस नेताओं ने तय कर लिया है, ‘हम नहीं सुधरेंगे।’ यही वजह है, ज्योतिरादित्य सिंधिया जैसा नेता पार्टी छोड़ चुका है। कांग्रेस सत्ता से बेदखल हो
कोविड 19 पर हीलिंग का प्रभाव अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन संपन्न
इंदौर के अंतरराष्ट्रीय डिवाइन एस्ट्रो हीलर के सानिध्य में आयोजित। हो रहे 5 वे विश्व प्राथना दिवस के अंतर्गत महामारी कोविद 19 की सुरक्षा एवं दवा और प्राथना का कोविद19