बिहार, 2 अक्टूबर 2023: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की महागठबंधन सरकार द्वारा बिहार में जाति आधारित जनगणना का खुलासा हुआ है। मुख्य सचिव आमिर सुबहानी ने गांधी जयंती के मौके पर एक प्रेस कांफ्रेंस करके इस बारे में जानकारी दी। उन्होंने इस रिपोर्ट के माध्यम से बताया कि बिहार में सामान्य वर्ग के लोगों की आबादी 15 प्रतिशत है, पिछड़ा वर्ग की आबादी 27 प्रतिशत से भी अधिक है, और अनुसूचित जाति की आबादी करीब 20 प्रतिशत है।
आंकड़ों का खुलासा:
बिहार सरकार ने 214 जातियों के आंकड़े जारी किए हैं, और इसमें कुछ जातियां हैं जिनकी कुल आबादी सौ से कम है। राज्य में कुल आबादी 13,07,25,310 है और सर्वेक्षित परिवारों की संख्या 2,83,44,107 है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की सरकार द्वारा जाति आधारित जनगणना के आंकड़े जारी किए गए हैं।
सामान्य वर्ग, पिछड़ा वर्ग, और अनुसूचित जाति की आबादी के बारे में विस्तार से जानकारी प्रदान की गई है।
जाति आधारित आबादी:
सामान्य वर्ग – 15.52%
पिछड़ा वर्ग – 27.12%
ओबीसी – 36.1%
अनूसूचित जाति – 19.65%
अनूसचित जनजाति – 1.68%
धार्मिक सांख्यिकी:
हिंदू – 81.99%
इस्लाम – 17.7%
अन्य धर्म – कुल आबादी का 1% से कम हिस्सा
2146 लोगों ने कोई धर्म नहीं बताया।
जातियों की आबादी:
यादव – 14.26%
रविदास – 5.25%
दुसाध – 5.31%
कोइरी – 4.21%
ब्राह्मण – 3.67%
राजपूत – 3.45%
मुसहर – 3.08%
भूमिहार – 2.89%
कुरमी – 2.87%
तेली – 2.81%
बनिया – 2.31%
कानू – 2.21%
चंद्रवंशी – 1.64%
कुम्हार – 1.40%
सोनार – 0.68%
कायस्थ – 0.60%
बिहार में जाति आधारित जनगणना का पहला चरण मकानों को गिनने के साथ 7 जनवरी को शुरू हुआ था, और दूसरा चरण 15 मई तक पूरा किया जाने का लक्ष्य था।