अब डिजिटल सिस्टम से होगी 10वीं-12वीं की कॉपियों की जांच, तेजी से पूरा होगा काम, जानें पूरी प्रक्रिया

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By Raj RathorePublished On: August 12, 2025

केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) ने परीक्षा मूल्यांकन प्रणाली में तकनीकी क्रांति लाने का फैसला किया है। अब 10वीं और 12वीं बोर्ड परीक्षाओं की उत्तर पुस्तिकाओं की जांच पारंपरिक तरीके से नहीं, बल्कि डिजिटल पद्धति से की जाएगी। इस पद्धति को डिजिटल मूल्यांकन या Onscreen Marking System कहा जाएगा। इस बदलाव से कॉपी जांचने की गति बढ़ेगी, त्रुटियों की संभावना कम होगी और पारदर्शिता में इजाफा होगा। CBSE का कहना है कि यह शिक्षा में तकनीकी उपयोग को बढ़ावा देने की दिशा में एक अहम कदम है, जिसका उद्देश्य निष्पक्ष और सटीक परिणाम तैयार करना है। इसके लिए बोर्ड उन एजेंसियों की सेवाएं लेगा, जिन्हें पहले से इस प्रकार के डिजिटल मूल्यांकन का अनुभव हो।


पायलट प्रोजेक्ट से होगी शुरुआत

CBSE की गवर्निंग बॉडी ने यह निर्णय लिया है कि इसे सभी विषयों और क्षेत्रों में लागू करने से पहले अलग-अलग क्षेत्रीय कार्यालयों में पायलट प्रोजेक्ट चलाया जाएगा। इस परीक्षण चरण में प्राप्त अनुभव और फीडबैक के आधार पर इसे बड़े पैमाने पर लागू किया जाएगा। इस योजना के लिए बोर्ड ने 28 करोड़ रुपये का बजट निर्धारित किया है, जिससे स्कैनिंग, सर्वर सेटअप और प्रशिक्षण जैसी आवश्यक व्यवस्थाएं की जाएंगी।

2026-27 से ‘ओपन-बुक एग्जाम’ की तैयारी

डिजिटल मूल्यांकन के साथ CBSE ने एक और महत्वपूर्ण घोषणा की है। 2026-27 शैक्षणिक सत्र से कक्षा 9वीं में ओपन-बुक एग्जाम लागू किया जाएगा। प्रारंभ में यह प्रणाली गणित, विज्ञान और सामाजिक विज्ञान जैसे विषयों में लागू होगी। इसका मकसद छात्रों में रटने की प्रवृत्ति को कम करना और उनके विश्लेषणात्मक व तर्कशील कौशल को विकसित करना है। यह पहल राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के लक्ष्यों के अनुरूप है।

डिजिटल मूल्यांकन की मुख्य विशेषताएं

इस प्रणाली के तहत सभी उत्तर पुस्तिकाओं को हाई-स्पीड स्कैनर से स्कैन किया जाएगा। प्रत्येक कॉपी पर यूनिक क्यूआर कोड होगा, जिससे छात्र की पहचान गुप्त रहेगी और जांच निष्पक्ष तरीके से होगी। परीक्षक अपने सुरक्षित लॉगिन से किसी भी स्थान से कॉपी चेक कर सकेंगे। सिस्टम में पहले से मॉडल आंसर और मार्किंग स्कीम मौजूद होगी, जिससे सभी परीक्षकों द्वारा एक समान मानकों के आधार पर मूल्यांकन संभव होगा।

मूल्यांकन प्रक्रिया कैसे होगी

उत्तर पुस्तिकाएं पहले बोर्ड द्वारा निर्धारित केंद्रों पर स्कैन की जाएंगी, फिर इनकी डिजिटल कॉपियां सुरक्षित सर्वर पर अपलोड होंगी। परीक्षक ऑनलाइन लॉगिन करके कॉपियों को जांचेंगे और अंक सीधे डिजिटल सिस्टम में दर्ज करेंगे। सिस्टम में खाली पन्नों को चिह्नित करने, नोट्स जोड़ने और उत्तर के विशेष हिस्सों को हाइलाइट करने की सुविधा होगी। साथ ही, मॉडरेटर यादृच्छिक रूप से जांची गई कॉपियों की समीक्षा करेंगे ताकि गुणवत्ता बरकरार रहे।

पारंपरिक जांच की तुलना में फायदे

डिजिटल जांच से परिणाम घोषित करने का समय काफी कम हो जाएगा। ऑटोमैटिक टोटलिंग और एरर अलर्ट के कारण अंक जोड़ने में गलती की संभावना लगभग समाप्त होगी। चूंकि छात्र का नाम और पहचान छिपी रहेगी, इसलिए किसी भी तरह का पक्षपात संभव नहीं होगा। इसके अलावा, कॉपियों के खोने या खराब होने का जोखिम भी खत्म हो जाएगा। लंबे समय में प्रिंटिंग, स्टोरेज और परिवहन लागत में बचत होगी।

परीक्षकों और मॉडरेटर की भूमिका

परीक्षक कहीं से भी कॉपी चेक कर सकेंगे, जिससे उन्हें मूल्यांकन केंद्र पर जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। मॉडरेटर द्वारा चयनित उत्तरों और अंकों का पुनर्मूल्यांकन किया जाएगा। सिस्टम पहले दर्ज अंकों को ऑटोमैटिक रूप से छिपा देगा, जिससे मॉडरेटर स्वतंत्र रूप से मूल्यांकन कर पाएंगे।

भुगतान और रिजल्ट प्रोसेसिंग

जैसे ही अंक दर्ज किए जाएंगे, सिस्टम ऑटोमैटिक टोटलिंग करेगा और रिजल्ट डेटा तैयार करेगा। यह डेटा एक्सेल फॉर्मेट में सेव होगा, जिससे रिपोर्ट बनाना आसान होगा। परीक्षकों का पारिश्रमिक उनकी जांची गई कॉपियों के आधार पर ऑटोमैटिक कैलकुलेट होकर सीधे बैंक खाते में भेजा जाएगा।

छात्रों को मिलने वाले लाभ

छात्र अपनी स्कैन की गई कॉपियां ऑनलाइन देख पाएंगे और यदि अंकों से असंतुष्ट हों तो आसानी से पुनर्मूल्यांकन के लिए आवेदन कर सकेंगे। डिजिटल रिकॉर्ड के कारण शिकायतों का समाधान जल्दी होगा और रिजल्ट जल्दी आने से कॉलेज एडमिशन व करियर प्लानिंग में आसानी होगी।

शिक्षा प्रणाली में नया अध्याय

CBSE की यह पहल परीक्षा मूल्यांकन के क्षेत्र में तकनीकी क्रांति की शुरुआत है। यह न केवल परिणामों की गति और गुणवत्ता में सुधार लाएगी, बल्कि शिक्षा में पारदर्शिता को भी नए स्तर पर ले जाएगी। यह मॉडल भविष्य में अन्य राज्य बोर्ड और विश्वविद्यालय भी अपना सकते हैं, जिससे देशभर में एकसमान और आधुनिक मूल्यांकन प्रणाली लागू हो सकेगी।