सोयाबीन की खेती किसानों के लिए एक बहुत लाभकारी विकल्प साबित हो सकती है, खासकर यदि आप सही किस्म का चयन करें। बाजार में सोयाबीन के तेल बीज की भारी मांग रहती है, जो इसे एक बेहतरीन व्यवसायिक फसल बनाती है।
इस आर्टिकल में हम आपको सोयाबीन की एक खास किस्म, जेएस 2172 के बारे में विस्तार से बताएंगे, जो न केवल उच्च उपज देती है, बल्कि कई प्रकार के रोगों से भी बचाव करती है।
सोयाबीन की जेएस 2172 किस्म: एक उन्नत और उच्च उपज देने वाली फसल
जेएस 2172 सोयाबीन की एक उन्नत किस्म है, जो किसानों के लिए आर्थिक दृष्टि से बहुत फायदेमंद हो सकती है। इसकी विशेषता यह है कि यह चारकोल सड़न, ऐन्थ्रेक्नोज और फली झुलसा जैसे रोगों के प्रति मध्यम से उच्च प्रतिरोधक क्षमता रखती है। इस किस्म की खेती से न केवल अधिक पैदावार होती है, बल्कि यह रोगों से बचाव भी करती है, जिससे किसानों को फसल की सुरक्षा मिलती है और उत्पादन में भी वृद्धि होती है।
सोयाबीन की जेएस 2172 किस्म की खेती का सही तरीका और टिप्स
अगर आप सोयाबीन की जेएस 2172 किस्म की खेती करने का सोच रहे हैं, तो आपको कुछ खास बातों का ध्यान रखना होगा:
- भूमि का चुनाव: इस किस्म की खेती के लिए दोमट मिट्टी सबसे उपयुक्त मानी जाती है, जिसमें जल निकासी अच्छी हो। ऐसे खेत में सोयाबीन की फसल बेहतर होती है।
- बीज का चयन और बुवाई: सोयाबीन की इस किस्म के बीज आसानी से बाजार में उपलब्ध हो जाते हैं। बुवाई से पहले खेत की अच्छी जुताई करें और खेत में गोबर की खाद डालें। जैविक खाद का इस्तेमाल फसल के लिए फायदेमंद रहेगा।
- पौधों की देखभाल: बुवाई के बाद इस फसल की पूर्ण वृद्धि के लिए आपको करीब 95 दिन का समय देना होगा। इस दौरान पौधों की सही देखभाल और समय पर सिंचाई से पैदावार को बेहतर बनाया जा सकता है।
कितना लाभ मिलेगा?
सोयाबीन की जेएस 2172 किस्म एक उच्च उपज देने वाली फसल है। यदि आप एक हेक्टेयर में इस किस्म की खेती करते हैं, तो आपको लगभग 28 क्विंटल तक की पैदावार मिल सकती है। इस उच्च पैदावार से आपको शानदार आय हो सकती है। इस किस्म की लोकप्रियता और उच्च उत्पादन क्षमता को देखते हुए, यह किसानों के लिए एक अच्छा निवेश साबित हो सकती है।












