पिछले दिनों सरसों के तेल सहित खाने वाले अन्य तेल की कीमतों में गिरावट देखने को मिली थी। लेकिन एकबार फिर महंगाई से त्रस्त जनता को खाद्यान तेल की बढ़ी हुई कीमतें चुकाना पड़ेगी। भारतीय तेल बाजार में सरसों, पामोलीन और मूंगफली के भाव में एक बार फिर उछाल आया है।
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सरसों तेल में कितनी हुई बढ़ौतरी
सहकारी खरीद एजेंसियों के पास इसबार पर्याप्त सरसों का स्टॉक नहीं है। सरसों तेल की कीमतो में हुई बढ़ौतरी इसी स्टॉक की कमी का परिणाम है। पिछले सप्ताह के अंतिम दिन सरसों कच्ची घानी तेल का भाव 2,405-2,510 रुपये पर प्रति टिन (15 किलो) पर बंद हुआ था। वहीं, इस सप्ताह की शुरुआत में सोमवार को सरसों तेल 20 रुपये प्रतिटिन बढ़कर 2,425-2,530 रुपये प्रति टिन पर बंद हुआ। वहीं सरसों पक्की घानी तेल का भाव भी 20 रूपय बढ़ौतरी के साथ 2,365-2,445 पर बंद हुआ था।
त्योहारों के दौरान और बढ़ेंगे दाम
सरसों की नई फसल अगले साल आएगी, सहकारी खरीद एजेंसियों के पास पर्याप्त सरसों का स्टॉक है नहीं। ऐसी स्थिति को देखते हुए अंदाजा लगाया जा रहा है कि आने वाले दिनों में त्योहारों के शुरू होने जा रहे मौसम में सरसों तेल सहित अन्य खाद्य तेलों के दामों में और भी उछाल आएगा। जिसकी मार गरीब व मध्यम वर्ग के परिवारों पर ही अधिक पड़ेगी।