मध्य प्रदेश सरकार ने मच्छर जनित बीमारियों, जैसे मलेरिया और डेंगू, के बढ़ते खतरे से निपटने के लिए गोदरेज कंज्यूमर प्रोडक्ट्स लिमिटेड (जीसीपीएल) के साथ मिलकर एक नया जन जागरूकता अभियान शुरू किया है। यह अभियान भोपाल, इंदौर, जबलपुर और ग्वालियर जैसे शहरों में चलाया जाएगा।
एम्बेड कार्यक्रम की पहल
यह पहल मध्य प्रदेश के सरकारी कार्यक्रम “मच्छर जनित स्थानिक रोगों का उन्मूलन” (एम्बेड) का हिस्सा है, जिसे गोदरेज कंज्यूमर प्रोडक्ट्स लिमिटेड और फैमिली हेल्थ इंडिया (एफएचआई) द्वारा समर्थन प्राप्त है। इस कार्यक्रम का उद्देश्य मलेरिया और डेंगू के मामलों में कमी लाना और मृत्यु दर को शून्य पर लाना है।
जन जागरूकता का महत्व
इस अभियान का उद्देश्य नागरिकों को मच्छर जनित बीमारियों से बचाने के लिए आवश्यक ज्ञान प्रदान करना है। अभियान के तहत निवारक उपायों, लक्षणों पर ध्यान देने, और समय पर चिकित्सा हस्तक्षेप की आवश्यकता पर एक वीडियो जारी किया गया है।
व्यापक प्रदर्शन की योजना
यह जागरूकता वीडियो भोपाल, इंदौर, जबलपुर और ग्वालियर में 20 सरकारी कार्यालयों, 10 सरकारी अस्पतालों, और 20 प्रमुख ट्रैफिक सिग्नलों पर प्रदर्शित किया जाएगा। इसके साथ ही, इसे सरकारी अधिकारियों के व्हाट्सएप ग्रुपों में भी साझा किया जाएगा। यह अभियान दिसंबर 2024 तक चलेगा, और अनुमान है कि लगभग 35,000 लोग प्रतिदिन इसे देखेंगे।
सरकारी अधिकारियों की प्रतिक्रिया
मध्य प्रदेश के स्वास्थ्य सेवा निदेशालय के उप निदेशक डॉ. हिमांशु जायसवार ने कहा कि इस अभियान के जरिए नागरिकों को मलेरिया और डेंगू के प्रति जागरूक किया जाएगा। उन्होंने सार्वजनिक और निजी संगठनों के सहयोग को महत्वपूर्ण बताते हुए कहा कि सक्रिय रोकथाम महामारी को नियंत्रित करने में सहायक होती है।
गोदरेज का योगदान
गोदरेज इंडस्ट्रीज ग्रुप की सस्टेनेबिलिटी एवं सीएसआर प्रमुख, गायत्री दिवेचा ने बताया कि वे 2015 से मलेरिया से मुकाबले के लिए मध्य प्रदेश सरकार के साथ सहयोग कर रहे हैं। इस साझेदारी के चलते, मध्य प्रदेश ने मलेरिया उन्मूलन में महत्वपूर्ण प्रगति की है, लेकिन मानसून के दौरान बीमारियों के मामलों में बढ़ोतरी जारी है।
एम्बेड कार्यक्रम का विस्तार
एम्बेड कार्यक्रम ने 2015 से भारत में मलेरिया और मच्छर जनित रोगों के नियंत्रण में महत्वपूर्ण योगदान दिया है, जिससे 2.7 मिलियन घरों तक पहुंच बनाई गई है। इस कार्यक्रम ने 28.4 मिलियन लोगों के जीवन में सकारात्मक बदलाव लाया है। पिछले पांच वर्षों में मलेरिया के मामलों में 89% की कमी आई है, और डेंगू के मामलों में भी उल्लेखनीय गिरावट देखी गई है।
लक्षित समुदाय
यह अभियान विशेष रूप से भोपाल, इंदौर, ग्वालियर और जबलपुर जैसे शहरी क्षेत्रों में लक्षित है, जहां घनी जनसंख्या और झुग्गी-झोपड़ियों का अधिक होना डेंगू के प्रकोप का कारण बनता है। 1,601 झुग्गियों में 2,61,589 घरों और 24,84,237 लोगों की आबादी शामिल है। इसके अलावा, 1,816 आशा कार्यकर्ताओं को लोगों को शिक्षित करने और स्वास्थ्य सेवाओं तक पहुंचाने के लिए प्रशिक्षित किया गया है।
इस प्रकार, यह अभियान न केवल जागरूकता बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा, बल्कि मध्य प्रदेश में मच्छर जनित बीमारियों के प्रभावी नियंत्रण में भी सहायक होगा।