नई दिल्ली: पाकिस्तान ने दाउद इब्राहीम को लेकर किए अपने कबूलनामे पर यू-टर्न ले लिया है। अपने कबूलनामे से पलटते हुए पाकिस्तान ने कहा कि डी कंपनी का सरगना उसके देश में नहीं है। शनिवार शाम को पाकिस्तान ने दाऊद इब्राहिम समेत 88 प्रतिबंधित आतंकवादी संगठनों और उनके आकाओं पर कार्रवाई करने का ढोंग किया था।
पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय ने एक बयान जारी कर कहा कि भारतीय मीडिया में दावा किया जा रहा है कि पाकिस्तान ने अपनी जमीन पर कुछ सूचीबद्ध व्यक्तियों (दाऊद इब्राहिम) की उपस्थिति को स्वीकार किया है। यह दावा निराधार और भ्रामक है। इसके अलावा उसने इस बात को भी खारिज कर दिया कि पाकिस्तान इन लोगों पर नए प्रतिबंध लगा रहा है।
पाकिस्तान ने दाऊद इब्राहिम समेत हाफिज सईद और मसूद अजहर जैसे आतंकवादियों और आतंकी संगठनों पर कड़े वित्तीय प्रतिबंध लगा दिए हैं। साथ ही उनकी सभी संपत्तियों को जब्त करने और बैंक खातों को फ्रीज करने का आदेश दिया है। इतना ही नहीं पाकिस्तान ने उनकी विदेश यात्रा पर भी बैन लगा दिया गया है।
मीडिया रिपोर्ट ने शनिवार को दावा किया गया कि पेरिस स्थित फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (FATF) ने 2 साल पहले जून 2018 में पाकिस्तान को ग्रे सूची में डाल दिया। साथ ही पाकिस्तान को 2019 के अंत तक आतंकियों पर लगाम कसने के लिए कार्ययोजना लागू करने के लिए कहा गया था, लेकिन कोरोना महामारी के कारण इसकी समयसीमा बढ़ा दी गई।
अब पाकिस्तान पर एफएटीएफ की ग्रे सूची से बाहर निकलने का खासा दबाव है। ऐसे में पाकिस्तान ने कड़े फैसले लेते हुए आतंकी समूहों पर प्रतिबंध लगाना शुरू कर दिए है। गौरतलब है कि दाउद 1993 के मुंबई में हुए बम धमाकों के बाद वह भारत का सबसे वांछित आतंकवादी है।