भारतीय परंपरा में नजर दोष को बहुत गंभीरता से लिया जाता है. जब बिना कारण व्यक्ति बीमार पड़ता है, काम में रुकावट आती है या बच्चों का व्यवहार अचानक बदल जाता है, तो माना जाता है कि यह बुरी नजर का प्रभाव हो सकता है. ऐसे में एक बहुत ही सरल, सस्ता और असरदार उपाय है – कपूर से नजर उतारना. ये उपाय दादी-नानी के जमाने से आजमाया जाता रहा है और आज भी लाखों लोग इसका लाभ उठा रहे हैं.
बुरी नजर लगने के सामान्य लक्षण:
.अचानक थकान या कमजोरी

.सिर दर्द या चक्कर
.बच्चे का बार-बार रोना
.नींद न आना या डर के साथ जागना
.काम बनते-बनते बिगड़ जाना
.पौधों का सूख जाना या घर में अशांति
कपूर से नजर उतारने का पारंपरिक तरीका:
कपूर से बुरी नजर उतारने का पारंपरिक तरीका भारत में बहुत प्रचलित और आसान माना जाता है. यह उपाय ना केवल मानसिक शांति देता है, बल्कि नकारात्मक ऊर्जा से भी बचाव करता है.
.1–2 साबुत कपूर की टिक्की
.एक स्टील या मिट्टी की कटोरी
.एक चुटकी नमक (वैकल्पिक)
.एक रुई की बत्ती या चिमटी
.नजर लगे व्यक्ति की मौजूदगी
कपूर से नजर उतारने की विधि:
व्यक्ति को जिसे नजर लगी हो, अपने सामने खड़ा करें (या बच्चा हो तो गोद में लें), कपूर को कटोरी में रखें, चाहें तो साथ में राई और नमक भी डाल सकते हैं. कपूर में आग लगाएं और कटोरी को व्यक्ति के सिर से पैर तक तीन बार उल्टा-सीधा घुमाएं. अब उसे घर के बाहर, बाथरूम या बालकनी में रखकर पूरी तरह जलने दें, कपूर पूरी तरह जल जाए, तब उस राख को कचरे में फेंक दें या बहा दें.
क्या करें और क्या न करें: सुबह या सूर्यास्त के बाद करना शुभ माना जाता है, नजर उतारने के दौरान कोई और न बोले या बीच में न आए. कपूर को दुबारा उपयोग में न लाएं, कभी भी किसी का मजाक उड़ाकर नजर उतारने की प्रक्रिया न करें – इसे श्रद्धा से करें.