Lemon Plant Care Tips : गर्मियों का मौसम आते ही नींबू की खपत तेजी से बढ़ जाती है। यह न केवल स्वाद में ताजगी भरता है बल्कि शरीर को ठंडक पहुंचाने वाले पेय जैसे नींबू पानी, शरबत और अचार में भी इसका खूब इस्तेमाल होता है।
ऐसे में बाजार से बार-बार नींबू खरीदने की बजाय यदि घर के बगीचे में लगा नींबू का पौधा अधिक फल देने लगे, तो इससे बेहतर क्या हो सकता है?

नींबू की पैदावार बढ़ाने वाला घरेलू उपाय
अगर आपके बगीचे में लगा नींबू का पौधा फल नहीं दे रहा है या बहुत कम फल दे रहा है, तो चिंता करने की जरूरत नहीं है। एक खास तरह का पोषक घोल पौधे की सेहत सुधारने के साथ-साथ उसकी पैदावार को भी कई गुना बढ़ा सकता है।
यह घोल चायपत्ती, मछली के पानी और सरसों की खली से तैयार किया जाता है। इनमें मौजूद पोषक तत्व पौधे को सम्पूर्ण पोषण प्रदान करते हैं जिससे फूल-फल झड़ने की समस्या दूर होती है और फलने की क्षमता बढ़ती है।
घोल में मौजूद पोषक तत्वों के फायदे
- चाय पत्ती में नाइट्रोजन, फॉस्फोरस और पोटेशियम जैसे तत्व होते हैं जो पौधे की वृद्धि और हरे पत्तों के विकास में सहायक होते हैं।
- मछली का पानी प्राकृतिक उर्वरक की तरह काम करता है, जिसमें मैग्नीशियम, कैल्शियम, नाइट्रोजन और पोटैशियम मौजूद होते हैं जो मिट्टी की गुणवत्ता सुधारकर पौधे को पोषक तत्वों की बेहतर आपूर्ति करते हैं।
- सरसों की खली न केवल पौधे की जड़ों को मजबूती देती है, बल्कि यह मिट्टी को उपजाऊ बनाती है और पौधे को कीटों से भी बचाती है।
कैसे बनाएं और करें उपयोग?
इस घोल को तैयार करने के लिए सबसे पहले मछली को धोने के बाद बचा हुआ पानी लें। उसमें एक चम्मच इस्तेमाल की हुई चाय पत्ती और एक मुट्ठी सरसों की खली डालें। इस मिश्रण को कुछ घंटों के लिए भिगोने के बाद, उसमें एक लीटर पानी मिलाएं। अब यह घोल नींबू के पौधे की जड़ में धीरे-धीरे डालें। सप्ताह में एक बार इस घोल का उपयोग करने से पौधे को संपूर्ण पोषण मिलेगा और वह फूलों से लद जाएगा।
हरे-भरे पौधे और दोगुनी पैदावार
इस प्राकृतिक और सस्ते उपाय को अपनाकर आप अपने नींबू के पौधे की उपज को न केवल बढ़ा सकते हैं, बल्कि बाजार से नींबू खरीदने की जरूरत भी कम हो जाएगी। नींबू के पौधे में जान आ जाएगी और वह गुच्छों में फल देना शुरू कर देगा।
- इस मिश्रण को कुछ घंटों तक भिगोकर रखें ताकि सभी पोषक तत्व घुल जाएं।
- फिर इस तैयार मिश्रण में लगभग 1 लीटर पानी मिलाकर नींबू के पौधे की जड़ में डाल दें।
- इस घोल का उपयोग सप्ताह में एक बार करने से पौधा मजबूत, स्वस्थ और फलदार बनता है। मिट्टी की उर्वरता भी बढ़ती है और कीट-पतंगों से भी पौधा सुरक्षित रहता है।