Shani Pradosh 2021 Date: कब है भाद्रपद माह का पहला प्रदोष व्रत, जानिए महत्व, पूजा विधि और मुहूर्त

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By Pinal PatidarPublished On: August 26, 2021
Pradosh Vrat 2021

प्रदोष व्रत भगवान शिव की पूजा का उत्तम दिन होता है। हर मास की त्रयोदशी तिथि को प्रदोष व्रत रखते हैं। एक माह में दो प्रदोष व्रत होते हैं एक कृष्ण पक्ष में और दूसरा शुक्ल पक्ष में। इस समय हिन्दी कैलेंडर के भाद्रपद माह का कृष्ण पक्ष चल रहा है। भद्रपद मास का पहला प्रदोष व्रत शनिवार के दिन है, इसलिए वह शनि प्रदोष व्रत है। शनि प्रदोष व्रत 04 ​सितंबर को है। इस दिन प्रदोष काल में भगवान शिव की विधिपूर्वक पूजा की जाती है। आइए जानते हैं शनि प्रदोष व्रत की तिथि, पूजा मुहूर्त एवं महत्व के बारे में।


Shani Pradosh 2021 Date: कब है भाद्रपद माह का पहला प्रदोष व्रत, जानिए महत्व, पूजा विधि और मुहूर्त

प्रदोष व्रत का महत्व:
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, प्रदोष व्रतों में शनि प्रदोष व्रत को काफी महत्वपूर्ण माना जाता है। शनि प्रदोष व्रत करने से व्यक्ति पर शिव और शक्ति दोनों की कृपा प्राप्त होती है और संतान की प्राप्ति होती है। ज्योतिषाचार्य नि:संतान दंपत्तियों को शनि प्रदोष व्रत रखने की सलाह देते हैं।

Shani Pradosh 2021 Date: कब है भाद्रपद माह का पहला प्रदोष व्रत, जानिए महत्व, पूजा विधि और मुहूर्त

प्रदोष काल में पूजा:
प्रदोष व्रत की पूजा प्रदोष काल में की जाती है। प्रदोष काल संध्या के समय सूर्यास्त से लगभग 45 मिनट पहले शुरू हो जाता है।

शनि प्रदोष 2021 पूजा मुहूर्त:
04 सितंबर को शनि प्रदोष की पूजा के लिए 02 घंटा 16 मिनट का मुहूर्त प्राप्त हो रहा है। जो लोग शनि प्रदोष व्रत रखेंगे, उनको उस दिन शाम को 06 बजकर 39 मिनट से रात 08 बजकर 56 मिनट के बीच शनि प्रदोष की पूजा कर लेनी चाहिए। इस प्रदोष मुहूर्त में भगवान शिव और माता पार्वती की विधि विधान से पूजा करनी चाहिए।

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प्रदोष व्रत पूजा- विधि:
-सुबह जल्दी उठकर स्नान कर लें।
-स्नान करने के बाद साफ- स्वच्छ वस्त्र पहन लें।
-घर के मंदिर में दीप प्रज्वलित करें।
-अगर संभव है तो व्रत करें।
-भगवान भोलेनाथ का गंगा जल से अभिषेक करें।
-भगवान भोलेनाथ को पुष्प अर्पित करें।
-इस दिन भोलेनाथ के साथ ही माता पार्वती और भगवान गणेश की पूजा भी करें। किसी भी शुभ कार्य से पहले भगवान गणेश की पूजा की जाती है।
-भगवान शिव को भोग लगाएं। इस बात का ध्यान रखें भगवान को सिर्फ सात्विक चीजों का भोग लगाया जाता है।
-भगवान शिव की आरती करें।
-इस दिन भगवान का अधिक से अधिक ध्यान करें।