अब बारी 51 लाख पौधों की जिसे लीड कर रहे हैं पर्वत कैलाश…जिनके नाम में ही विजय है वे है फागुनी भगवा पलाश…

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*प्रखर वाणी*

वाह रे जुनूनी इंदौर…देख सकते हो यहाँ हर तरह का दौर…कभी मशक से धुलती सड़कों का शहर स्वच्छता के शिखर पर पहुँच गया…रँगपंचमी की गैर से अट्टालिकाओं की ऊंचाई से भी अधिक बौछार करने में माहिर शहर यूनेस्को की सूची तक पहुँच गया…एक नेता के आव्हान पर लाखों लोगों को कई किलोमीटर तक सड़कों पर भोजन करवाकर रिकॉर्ड बना लिया…ग्रीन कॉरिडोर बनाकर बहुत ही अल्प समय में अंग प्रत्यारोपण हेतु जीवन दान अभियान का रिकॉर्ड बना लिया…

लोग मालवा की मस्ती और दाल बाटी की ही तारीफ करते रहे और इंदौरी मध्यप्रदेश की औद्योगिक राजधानी के मुकाम से महानगर की शक्ल में बढ़ते रहे…नमकीन और पोहे वाले शहर ने खानपान के भी तिलिस्म को स्वाद का नया पैगाम दिया…छप्पन और सराफा के विकसित स्थान पर चटोरों के शहर का नाम दिया…अब बारी आई है इक्यावन लाख पौधों की जिसे लीड कर रहे हैं पर्वत जैसे कैलाश…जिनके नाम में ही विजय है वे हर क्षेत्र में संगठनों के है फागुनी भगवा पलाश…किस तरह से योजनाबद्ध ढंग से पौधारोपण का मिशन पूरा किया जा रहा है…एक

एक स्थानों को चुनचुनकर उनके हर इंच क्षेत्रफल को चिन्हित किया जा रहा है…कुछ दिनों पूर्व से ही अलग अलग संगठनों की बैठक और उनसे पौधों की संख्या का संकल्प पूरा लिया गया…अपनी सूझबूझ से बावस्ता – बावस्ता इस महाअभियान का भी प्रकल्प पूरा किया गया…वैसे स्मरण रहे वर्षों पूर्व इस अभियान की शुरुवात पितृ पर्वत से की जा चुकी है…एक एक प्रमुख लोगों के पुरखों की याद के भाव प्रधान दृष्टिकोण से इस आदत की शुरुआत की जा चुकी है…ये तो उसी दृष्टि का व्यापक दृष्टिकोण है…

कई एकलव्य और अर्जुन को इसकी दीक्षा देने वाले एक ही द्रोण है…स्वच्छता के शिखर से पर्यावरण सुधार तक का विश्व कीर्तिमान…दुनिया के देशों में इंदौर के नाम को फिर मिलेगा सम्मान…हम किसी भी अभियान को ठान लें तो पूरा कर सकते हैं समझ लो कि हममें अकाट्य श्रद्धा व भक्ति है…संकट में सार्थक पहल कर सकते बस याद नहीं रहता कि हमारे पास हनुमानजी की विराट शक्ति है…अहिल्या की नगरी का गौरव और मिलों की बादशाहत हमारे गहनों की सुंदरता हैं…

खजराना गणेश , रणजीत बाबा , बिजासन माता और अन्नपूर्णा माँ के आशीर्वाद की यहां प्रचुरता है…कोरोनाकाल में ऑक्सीजन के लिए जूझते लोगों के दर्द को हमने करीब से देखा है…उसी की पूर्ति करने हेतु पौधारोपण की खींच दी बड़ी रेखा है…अब हम पौधों से वृक्ष बनकर हरियाली व पर्यावरण शुद्धता देने वाले शहर में शुमार होंगे…थोड़े वर्ष इंतजार करो हम इन्दौरवासी जीवनयापन के बेहतरीन शहर को अंगीकार होंगे ।