अवैध बस्तियों और कालोनी निर्माण से बिगडा भाजपा का चुनावी गणित

Shraddha Pancholi
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नितिनमोहन शर्मा: विधानसभा 1 में चुनाव हारने के 4 साल बाद भी पार्टी के अंदर ही सुदर्शन गुप्ता के खिलाफ गुस्सा कम नही हो रहा है। नतीजतन पार्टी के बड़े नेताओं को यहां गुप्ता से नाराज पार्टी नेताओं को अलग से साधना पड़ा। गुप्ता की कार्यप्रणाली से नाराज सारे नेताओ की पार्टी के वरिष्ठ नेता कृष्णमुरारी मोघे को महापौर उम्मीदवार पुष्यमित्र भार्गव के साथ अलग से बैठक करवाना पड़ी। ” मोहन विला ” में हुई इस अहम बैठक के बाद इस क्षेत्र में पार्टी का काम अब जमीन पर नजर आ रहा है। कांग्रेस महापौर उम्मीदवार संजय शुक्ला इसी क्षेत्र से विधायक होने के कारण जहा कांग्रेस विधानसभा 1 को अपने लिए मुफीद मान रही है वही भाजपा का दावा है कि हम शुक्ला को उनकी ही विधानसभा में लीड नही लेने देंगे। कांग्रेस यहां वार्ड 1, 2, 6, 8, 10 में मजबूत मान रही है। भागीरथपुरा, जूना रिसाला ओर गांधीनगर वाले वार्ड में निर्दलीय चुनाव को रोचक बनाये हुए है।भाजपा वार्ड 8 में इस बार चमत्कार की उम्मीद लगाए हुए है तो कांग्रेस वार्ड 6 में।

अवैध बस्तियों ने बड़ाई भाजपा की मुसीबत

भाजपा की मुसीबत उन अवैध बस्तियों ने बड़ा दी है जो सिरपुर चन्दननगर के आसपास बस गई। यहां की अवैध बसाहट पार्टी के लिए चिंता का कारण बन गई है। इन बस्तियों में 15 से 20 हजार अल्पसंख्यक वोटर्स नया तैयार हो गया है। इस मामले में पार्टी के एक धड़े ने चलते चुनाव में पूर्व विधायक सुदर्शन गुप्ता को इन बस्तियों की बसाहट के लिए जिम्मेदार बताया। गुप्ता की इस मामले में आरएसएस से ये कहते हुए शिकायत की गई कि अवैध बस्तियां ओर कालोनी काटने वाले जफर खान अकबर खान जैसे लोगो को गुप्ता का समर्थन था। चाहे तो जांच करवा लें। एरोड्रम के सामने गजाधर नगर को लेकर भी शिकायतों के पुलिंदे जमा किये लेकिन पार्टी ने फिलहाल चुनाव पर फ़ोकस करने का कहकर यहां सबको काम पर लगा दिया है।

वार्ड 1
कांग्रेस की परंपरागत बढ़त इस वार्ड में रहती आई है। अग्निहोत्री परिवार के दबदबे वाले इस वार्ड में महेश चौधरी के रूप में भाजपा की चुनोती कमजोर है फिलहाल। इस वार्ड में 8 हजार अल्पसंख्यक वोट कांग्रेस की जीत का हमेशा मार्ग प्रशस्त करते है।। यहां भाजपा से सुदर्शन गुप्ता की प्रतिष्ठा दांव पर लगी है। वार्ड की मज़बूत भाजपा भगवती शर्मा छतरसिंह दरबार, कैलाश चौधरी लक्ष्मी चौधरी, मुकेश पालीवाल राकेश राठौड़ अरुण तिवारी के रूप में यहां अरसे से उपेक्षित है।

वार्ड 2
इस बार यहां पार्टी को टेबल लगाने वाले तो दूर पोलिंग बूथ में अंदर बैठने वाले एजेंट भी नही मिल रहे है। 17 हजार अल्पसंख्यक मतदाताओं वाला ये वार्ड भाजपा के लिए बड़ा नुकसान का कारण बनेगा। यहां बबली नरवरे जैसे नए चेहरे के साथ भाजपा की चिंता जमानत बचाने की है। बहुसंख्यक वोटो का आंकड़ा 100 से भी कम है। बीते विधानसभा चुनाव में यहां से संजय शुक्ला में 8500 वोटो की निर्णायक बढ़त बनाई थी। सबसे ज्यादा वोटों से भाजपा इसी वार्ड से हारी थी।

वार्ड 3
बीते निगम चुनाव में भाजपा के गोपाल मालू यहां से 2956 वोट से जीते थे। 2600 वोट निर्दलीय उम्मीदवार गोविंद कुशवाह ले उड़े। इस बार यहां भाजपा से शिखा दुबे ओर कांग्रेस से कविता सुराणा मैदान में है। फिलहाल भाजपा यहां बढ़त है।

वार्ड 4
बीता पार्षद चुनाव यहां से चन्दगी राम यादव 3800 मतों से जीते थे। यहां भी निर्दलीय सतीश कौशल 3360 वोट ले गए थे। यहां स्व गोपाल मालू की बहू बरखा मैदान में है। कांग्रेस से वंदना शुक्ला है। भाजपाई मिजाज का वार्ड है।

वार्ड 5
यहां से बीता चुनाव भाजपा के रजेश चौहान 5600 वोट से जीते थे। यहां
6 हजार मुस्लिम मतदाता है। इस बार भाजपा के निरंजन सिंह चौहान और कांग्रेस के योगेंद्र मौर्य के बीच मुकाबला है।

वार्ड 6
मल्हारगंज वाले इस भाजपाई मिजाज वाले वार्ड में इस बार मुकाबला रोचक है। कांग्रेस ने यहां से स्थानीय उम्मीदवार राखी वर्मा को मैदान में उतारकर भाजपा को पसीना बहाने के लिए मजबूर कर दिया है। भाजपा उम्मीदवार संध्या यादव यहां बाहरी प्रत्याशी की समस्या के साथ मैदान है और जीत के प्रति आश्वस्त है। इस वार्ड से पिछला पार्षद चुनाव दीपक जैन टीनू 4500 वोट से जीते थे।

वार्ड 7
यहां से बीता चुनाव भाजपा के मनोज मिश्रा जीते थे। इस बार उनकी पत्नी भावना चुनाव लड़ रही है। कांग्रेस की साक्षी शुक्ला ने यहां मिश्रा की परेशानी बढ़ा दी है। जिंसी शंकरगंज कंडिलपुरा ओर जनता कालोनी जेसे सघन आबादी इलाके में फिलहाल कांग्रेस बढ़त में है। भावना को अग्रसेन नगर महाबीर बाग छत्रपति नगर गौरव नगर से उम्मीद है। अगर कांग्रेस ने इस बेल्ट।में सेंधमारी कर दी तो यहां से चौकाने वाले परिणाम भी आ सकते है। बीता चुनाव यहां से मनोज मिश्रा 2050 मतों से जीते थे।

वार्ड 8
अल्पसंख्यक बहुत इस वार्ड में भाजपा नीता शर्मा की उम्मीदवारी के साथ औपचारिकता दिखाती नजर आ रही है। कुल वोटर्स की संख्या में यहां 1500 मत अल्पसंख्यक ज्यादा होने से यहां बीता चुनाव भाजपा के निरंजन सिंह चौहान 1700 मतों से हारे थे। बाद में हुए विधानसभा चुनाव में सुदर्शन गुप्ता यहां से 7600 से ज्यादा वोटो से चुनाव हारे। यानी गुप्ता को यहां मुस्लिम के साथ साथ हिन्दू वोट भी नही मिले। कांग्रेस के अनवर के प्रति उनकी ही बिरादरी में जबरदस्त आक्रोश है। अगर ये गुस्सा मतपेटी में उतर गए तो यहां इतिहास भी रचा जा सकता है क्योकि सरवर खान जैसा मजबूत नाम भी निर्दलीय भी मैदान में है।

वार्ड 9
ब्रह्मबग रघुवंशी कालोनी वाले इस वार्ड से बीता चुमाव कांग्रेस की अनिता सर्वेश ने 700 से ज्यादा वोटो से जीता था। इस बार यहां भाजपा के राहुल जायसवाल ओर कांग्रेस के लविश जायसवाल के बीच कटापकड मुकाबला चल रहा है। चन्दन सिंह बेस को टिकट मिलता तो यहां भाजपा इतनी तनाव के नही रहती लेकिन बेस का विजयवर्गीय मैंदोला समर्थक होना आड़े आ गया।

वार्ड 10
कुम्हार खड़ी, भट्टा, वाल्मीकि नगर वाले इस हिस्से में स्व रामलाल यादव की विरासत का जादू कायम है। बहु विनितिका यादव फिर से मैदान में है। दीपु यादव बड़ी जीत के प्रति आश्वस्त है। भाजपा के दमदार नेता सन्तोष गौर मैदान में जरूर है लेकिन अब तक उनके फेवर में रंग नही जम पाया है।

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वार्ड 11
निर्दलीय मांगीलाल रेडवाल के कारण भगीरथ पूरा वाले इस वार्ड में मुकाबला रोचक है। भाजपा ने यहां से आरएसएस में लंबे समय से काम किये हुए कमल वाघेला को मैदान में उतारा है। इस वार्ड में रेडवाल परिवार के 3 दशक से दबदबा है लेकिन इस बार वाघेला के कारण यहां की जनता बदलाव के मूड में नजर आ रही है। वाघेला को साफ सुथरी छवि ओर हिंदूवादी चेहरा होने का फायदा मिल रहा है। कांग्रेस ने यहां से रमेश बिंजवा को मैदान में उतारा है जो रेडवाल ओर वाघेला के बीच की लड़ाई का हिस्सा बने हुए है।

वार्ड 12
पिछली बार यहां से सन्तोष गोर निर्दलीय राजू राय 4500 वोट ले जाने के बावजूद 1400 वोट से चुनाव जीत गए थे। इस बार वार्ड महिला है और भाजपा से सीमा डाबी व कांग्रेस से राजनंदिनी सोनी आमने सामने है। फिलहाल मुकाबला बराबरी का चल रहा है।

वार्ड 13
संगम नगर, रामबली नगर, स्किम नम्बर 51 जैसे इलाके वाला ये वार्ड भाजपाई मिजाज का है। भाजपा के उषा ठाकुर समर्थन पराग कौशल यहां मुफीद स्थित में है। कांग्रेस ने यहां से प्रिया भण्डारी को आगे किया हुआ है।

वार्ड 14
एरोड्रम क्षेत्र की 60 फ़ीट रॉड वाले हिस्से के इस वार्ड में एमआईसी सदस्य अश्विनी शुक्ला मैदान में है। भाजपा यहां से बीता पार्षद चुनाव 6200 वोट से जीती थी। कांग्रेस के महाबीर जेन संघर्ष कर रहे है।

वार्ड 15
यहां भाजपा के भगवान सिंह चौहान की पत्नी के निर्दलीय मैदान में डटे रहने से मुकाबला रोचक है। सामान्य सीट पर कांग्रेस भाजपा दोनो ने पिछडे वर्ग से टिकिट दिया है।भाजपा से सावित्री जगदीश चौकसे तो कांग्रेस से ममता सुनेर मैदान में है। भाजपा को जीत की उम्मीद है।

वार्ड 16
टिकिट नही मिलने पर भाजपा छोड़ कांग्रेस में आये कुलदीप चौकसे की पत्नी वंदना को कांग्रेस ने टिकिट देकर बाजी पलटने का दांव चला है जो एक हद तक सफल दिख भी रहा है। भाजपा से यहां सोनाली धारकर मैदान में है।

वार्ड 17
कुशवाह नगर जैसे सघन आबादी इलाके वाले इस वार्ड से इस बार कुशवाह परिवार की एकजुटता रंग दिखा रही है। भाजपा के टीनू कश्यप ने कांग्रेस के शुभम यादव पर फिलहाल बढ़त बनाई हुई है।