उत्तरप्रदेश: शिक्षकों एवं गैर शिक्षक कर्मचारियों के सेवानिवृत्त होने के 4 माह बाद भी भुकतान नहीं किया गया है। शिक्षा परिषद के प्राथमिक व उच्च प्राथमिक विद्यालयों से 31 मार्च को सेवानिवृत्त हुए 389 कर्मचारियों को भुगतान नहीं किया गया। जिसके बाद वित्त नियंत्रक ने 27 जुलाई को पत्र के माध्यम से करीब 34 जिलों के वित्त एवं लेखा अधिकारियों से बीमा प्रकरणों, जीपीएस एवं पेंशन का निस्तारण न होने पर रिपोर्ट की मांगी। इस दौरान करीब 389 मामले लंबित पाए गए हैं।
हालांकि इनके बाद नियमानुसार सेवानिवृत्ति के साथ ही संबंधित शिक्षा एवं कर्मचारियों को समस्त पूरी बकाया राशि का भुगतान किया जाना है। लेकिन यह भी बताया गयाकि रिटायरमेंट के 4 महीने पहले ही फाइल आगे बढ़ती है। लेकिन 14 व 15 जुलाई को परिषद मुख्यालय में हुई समीक्षा बैठक में यह जानकारी दी गई कि 34 जिलों में करीब 389 मामले लंबित है।जिनका निराकरण आवश्यक है लेकिन इन मामलों में इसको लेकर मिली रिपोर्ट में भी शत-प्रतिशत निस्तारण की रिपोर्ट भी प्रशासन को भेजना शेष है।
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आपको बता दें कि सेवानिवृत्त शिक्षकों से जुड़े ऐसे कई लंबित मामले हैं। जिनका निराकरण अभी तक नहीं हुआ है, ऐसे में अगर बात की जाए तो बरेली में शिक्षा विभाग से 57 शिक्षकों को सेवानिवृत्त किया गया। लेकिन इनमें से एक शिक्षक का फॉर्म अटक गया, इसका कारण भी तकनीकी बताया गया है। ऐसे में पीलीभीत में 49 शिक्षक सेवानिवृत्त हुए थे और उनमें से भी 6 के फार्म प्रक्रिया में रहे। लेकिन इस दौरान भी करीब 53 सेवानिवृत्त शिक्षकों में से सिर्फ दो की पेंशन जारी हो पाई है। ऐसे कई लंबित मामले ओर भी हैं, जिनका निराकरण जल्द से जल्द किया जाना जरूरी है।