नई दिल्ली। रूस और यूक्रेन (Russia-Ukraine) के बीच तनातनी लगातार बढ़ती जा रही है। फिलहाल दोनों के बीच जारी विवाद (Russia-Ukraine conflict) थमने का नाम नहीं ले रहा है और लगातार यूक्रेन (Ukraine) में धमाके हो रहे है। आपको बता दें कि, अब तक यूक्रेन (Ukraine) में 4 धमाके हो गए है और रुसी सेना है अपनी कार्यवाही और तेज कर दी है। साथ ही यह भी दावा किया जा रहा है कि, यूक्रेन ने अब तक कुल 7 रुसी विमानों को ढेर कर दिया है। ऐसी स्थिति को देखते हुए जंग की संभावना बढ़ती जा रही है। इस स्थिति को देखते हुए भारत सरकार की भी चिंता बढ़ गई है।
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वहीं अगर आपको इस मामले की पूरी जानकारी नहीं पता और आप यही सोच रहे है कि, रूस और यूक्रेन (Russia-Ukraine) आपस में क्यों लड़ रहे है? आखिर क्यों यह विवाद बढ़ रहा है? तो हम आपको बताएंगे कि यह स्थिति क्यों आई और कब से यह मामला चल रहा था।
यूक्रेन का इतिहास
आपको बता दें कि, यूक्रेन (Ukraine) यूरोप (Europe) का दूसरा सबसे बड़ा देश है। यूक्रेन साल 1991 में सोवियत संघ के पतन के बाद आजाद हुआ था। बताया जाता है कि, उस दौरान करीब 3 करोड़ रूसी लोग अपने मूल देश से बाहर हो गए थे इन लोगों में से ज्यादातर लोग यूक्रेन में थे। साथ ही सीमाओं पर नजर डाली जाए तो बता दें कि, यूक्रेन की सामाएं उत्तर-पूर्व और पूर्व में रूस, पश्चिम में पोलैंड, उत्तर-पश्चिम में बेलारूस और स्लोवाकिया और दक्षिण-पश्चिम में हंगरी और रोमानिया से लगती हैं।
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यूक्रेन और रूस के बीच क्यों हो रही लड़ाई
दरअसल यूक्रेन (Ukraine) देश के कुछ पूर्वी हिस्से ऐसे भी है जो देश से असंतोष है और इसी चीज का रूस फायदा उठा रहा है। रुस (Russia) का यूक्रेन पर हमला करने की एक यह भी वजह है कि, रुस नहीं चाहता कि यूक्रेन की ताकत बढ़े या वह पश्चिमी देशों के साथ बेहतर संबंध बनाए। वहीं अब रूस ने यूक्रेन को तीन तरफ से घेर लिया है। वही इस तनातनी की शुरुआत में ही यूक्रेन की जनता दो भागों में बंटी गई है। एक ओर जहां रूस कब्ज़ा करने की फिराक में है वहीं यूक्रेन अपने आप को बचाने की पूरी कोशिश कर रहा है। आपको बता दें कि, यूक्रेन ने भारत से मदद मांगी है।
कब शुरू हुआ विवाद
इस विवाद की शुरुआत साल 2014 से हुई जब रूस ने यूक्रेन का हिस्सा रहे क्रीमिया पर नियंत्रण किया। आपको बता दें कि, क्रीमिया एक प्रायद्वीप है जिसे साल 1954 में सोवियत संघ ने यूक्रेन को तोहफे में दिया था। उस समय जब यूक्रेन सोवियत संघ से अलग हुआ तो कई बार क्रीमिया को लेकर दोनों देशों के तनातनी शुरू हो गई और यहाँ से ही विवाद की उत्पत्ति हुई। हालांकि 2014 के बाद 2015 में फ्रांस और जर्मनी ने बेलारूस की राजधानी मिन्स्क में रूस और यूक्रेन के बीच शांति समझौता भी कराया था। जिसके बाद स्थिति में थोड़ा ठहराव आया लेकिन साल 2022 में यह शांति भंग हुई और उसका परिणाम आपके सामने ही है।
क्या है रूस का मकसद
जैसा की हमने बताया कि रूस बिलकुल नहीं चाहता कि यूक्रेन पश्चिमी देशों के साथ अपने संबंध अच्छे बनाए। दरअसल, साल 2015 के बाद से ही यूक्रेन पूरी कोशिश कर रहा है कि, पश्चिमी देशों के साथ उसके संबंध अच्छे बने लेकिन रूस को यह बिलकुल भी रास नहीं आ रहा है। पश्चिमी देशों से अच्छे संबंध बनाने के साथ साथ रूस यह भी नहीं चाहता कि, यूक्रेन NATO (नॉर्थ अटलांटिक ट्रीटी ऑर्गेनाइजेशन) का सदस्य बने। जानकारी के लिए बता दें कि, इस संगठन से दुनिया के 30 देश जुड़े है जिनमे अमेरिका और ब्रिटेन भी शामिल है।
NATO (नॉर्थ अटलांटिक ट्रीटी ऑर्गेनाइजेशन) की ख़ास बात आपको बता दें कि, NATO में शामिल होने वाले देश पर कोई तीसरा देश हमला करता है तो सभी सदस्य एकजुट होकर उसका मुकाबला करेंगे। और शायद यही एक और बड़ी वजह हो सकती है रूस और यूक्रेन के बीच की लड़ाई की।