महेश दीक्षित
राज्यसभा सांसद एवं भाजपा संगठन में प्रदेश महामंत्री कविता पाटीदार के पास भारतीय जनता युवा मोर्चा का प्रभार पहले से ही था, अब उन्हें महिला मोर्चा का प्रभार भी दे दिया गया। इसके अलावा कविता पाटीदार भाजपा विशेष जनसंपर्क अभियान की प्रदेश संयोजक और एक संभाग की प्रभारी भी हैं। एक कविता पर संगठन के पांच-पांच दायित्व, इतना भार और इतना भरोसा? नारदजी कहते हैं कि पार्टी के कई पुराने, जमीनी और प्रभावशाली नेताओं-कार्यकर्ताओं के पास कोई काम नहीं है। वे इस बात को लेकर परेशान हैं, कि वे बेकाम हैं। ऐसे में सवाल उठना लाजिमी है कि, आखिर कविता में ऐसी कौनसी काबिलियत और खासियत है, जो संगठन के जिम्मेदार उन पर इतने कृपालु हो रहे हैं।
जीत के मुगालते में भाजपा मुख्यालय के भाईसाब!
मध्यप्रदेश में विधानसभा चुनाव में पांचवीं बार जीत को लेकर भाजपा मुख्यालय के भाईसाब लोग मुगालते में हैं। वो भी तब जबकि संघ, भाजपा संगठन, सीएम शिवराज और दिल्ली हाईकमान द्वारा कराए गए अलग-अलग सर्वे में पार्टी की स्थिति बेहद खराब सामने आ रही है। अभी चुनाव हो जाएं, तो हाल-फिलहाल भाजपा को सिर्फ 80 से 90 सीटें ही मिल रही हैं। ‘अबकी बार 200 पार’ नारे का मजाक उड़ रहा है। भाजपा के एक पुराने कार्यकर्ता नारदजी से कहते हैं कि, जब आप पुराने निष्ठावान कार्यकर्ताओं को सम्मान नहीं देंगे और उन्हें घर बैठा देंगे, तो पार्टी के ये हाल तो होना ही हैं। कहने का मतलब है अब मोदीजी कोई करिश्मा दिखा दें, तो भले ही स्थितियां पलट जाएं, वर्ना मप्र में (कर) नाटक होना तय माना जा रहा है। नारदजी कहते हैं कि, प्रदेश में पार्टी के जमीनी हालात कुछ भी हों, पार्टी मुख्यालय में बैठकर कुछ नहीं तो मुगालता तो पाला ही जा सकता है।
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अध्यक्ष हर दिन दौड़ा रहे हैं 600 किमी गाड़ी!
श्रीमंत ज्योतिरादित्य सिंधिया के संग कांग्रेस छोड़कर भाजपा में आए एक नेताजी, जो कि प्रकाश फ़ैलाने वाले सरकार के एक निगम के अध्यक्ष हैं, इन दिनों कुछ ज्यादा ही ‘ऊर्जावान’ हो रहे हैं। दरअसल, नेताजी को बतौर निगम अध्यक्ष जो सरकारी गाड़ी मिली हुई है, उसे वे ‘प्रवास’ पर बताकर हर दिन ‘छह सौ’ किलोमीटर दौड़ाना दिखा रहे हैं। कागज़ों पर दौड़ा रहे हैं या कहां-कैसे दौड़ा रहे हैं यह तो ‘ऊर्जावान अध्यक्षजी’ जानें। लेकिन अध्यक्षजी ने ‘छह सौ’ किलोमीटर प्रतिदिन के हिसाब से डीजल के जो बिल निगम में प्रस्तुत किए हैं, उन पर सवाल उठ रहे हैं कि आखिर कोई भी हर दिन ‘छह सौ’ किलोमीटर गाड़ी कैसे चला सकता है? हालांकि, अध्यक्षजी के गाड़ी डीजल बिल पर वित्त विभाग ने अड़ंगा लगा दिया है। लेकिन नारदजी कहते हैं कि, सौगात में मिली सरकारी सुविधाओं का जनप्रतिनिधि किस हद तक दुरूपयोग कर रहे हैं उसकी इससे अच्छी नज़ीर क्या हो सकती है?
क्यों आए थे बीएल संतोष और तरूण चुघ?
पीएम नरेन्द्र मोदी 27 जून को फिर मध्यप्रदेश के दौरे पर आ रहे हैं। यह बात तो ठीक है, लेकिन ऐसा पहली बार हुआ जब दिल्ली भाजपा हाईकमान ने पीएम मोदी के दौरे की तैयारियों को लेकर अपने दो बड़े कारिंदों (पदाधिकारियों) बीएल संतोष (राष्ट्रीय संगठन महामंत्री) और तरूण चुघ (राष्ट्रीय महासचिव) को भोपाल भेजा। भाजपा हाईकमान ने दोनों पदाधिकारियों को क्यों भेजा? इसको लेकर भाजपा कार्यकर्ताओं में किस्सागोई चल रही है कि, क्या हाईकमान को मप्र भाजपा टीम के पदाधिकारी भाईसाबों की काबिलियत भरोसा नहीं था? या फिर संतोष-तरूण इस बहाने भाजपा संगठन में अवश्यसंभावी बदलाव को लेकर नेता-कार्यकर्ताओं की नब्ज टटोलने आए थे? खैर जो भी हो, नारदजी कहते हैं कि, मप्र भाजपा संगठन में बड़े बदलाव की चर्चाओं के बीच दोनों नेताओं
के अप्रत्याशित आगमन ने नए कयासों को हवा दे दी है।
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कांग्रेस में भूतों का अगवानी.!
यह सुनकर किसी को भी अजीब लग सकता है कि कांग्रेस में भूतों की अगवानी हो रही है। लेकिन यह सच है कि, कर्नाटक में अनुकूल नतीजों से उत्साहित मप्र कांग्रेस में लगभग हर दिन अपने घर में ढोल-ढमाकों के साथ नए-नए भूतों की अगवानी हो रही है। कांग्रेस भूतों की पूजा में ऐसे निमग्न हो रही, जैसे ये भूत ही उसमें राजनीतिक ताकत फूंकने वाले हैं। विधानसभा चुनाव में उसका उद्धार करने वाले हैं। मध्यप्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनवाने वाले हैं। नारदजी से कांग्रेस के एक वरिष्ठ कार्यकर्ता कहते हैं कि भूतों की पूजा से कांग्रेस को आखिर क्या हासिल होगा, यह तो वो जाने। लेकिन कांग्रेस के अपने 12 माननीयों (विधायकों) का क्या? जो पिछले एक साल से गुप-चुप दुश्मनों से पूजा करवा रहे हैं।