वाराणसी को मिली खुशियों की सौगात, PM मोदी ने दिया 27 परियोजनाओं का तोहफा

Share on:

वाराणसी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) आज अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी पहुंचे। गौरतलब है कि, बीते 10 दिनों में पीएम मोदी का वाराणसी का यह दूसरा दौरा होगा। करीब ढाई घंटे के काशी दौरे में पीएम मोदी पिंडरा के करखियांव में अमूल प्लांट की आधारशिला रखी साथ ही 2100 करोड़ रुपये की 27 परियोजनाएं अपने संसदीय क्षेत्र की जनता को समर्पित किया।

ALSO READ: न्यायाधिपति श्री सुजय पॉल ने संविधान को लेकर कह दी ये बड़ी बात, संविधान अच्छा या खराब नहीं हैं……….

स्वामित्व योजना में प्रदेश में मॉडल के रूप में वाराणसी सबसे ज्यादा गांवों का सर्वे पूरा कर चुका है। बता दें कि, एक महीने में जिले भर के 1020 गांवों की आपत्ति निपटा कर करीब 85 हजार परिवारों सौगात दी। इसके जरिए गांवों में घर और खेती की जमीन से अलग भूखंडों पर होने वाले छोटे छोटे विवादों से भी छुटकारा मिलने की उम्मीद है। पीएम (PM) के हाथों बटन दबने के बाद वाराणसी के 35 हजार लोगों को एक साथ घरौनी का लिंक पहुंच जाएगा।

इस दौरान पीएम मोदी (PM) ने कहा कि पहले की सरकारों के समय यूपी के लोगों को जो मिला और आज यूपी के लोगों को हमारी सरकार से जो मिल रहा है, उसका फर्क साफ है। हम यूपी में विरासत को भी बढ़ा रहे हैं, यूपी का विकास भी कर रहे हैं। पीएम ने कहा कि इन लोगों ने कभी नहीं चाहा कि यूपी का विकास हो, यूपी की आधुनिक पहचान बने। स्कूल, कॉलेज, अस्पताल, सड़क, पानी, बिजली, गरीबों के घर, गैस कनेक्शन, शौचालय, इनको तो वो विकास मानते ही नहीं।सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास की ये भाषा भी उनके सिलेबस से बाहर है। उनके सिलेबस में है- माफियावाद, परिवारवाद। उनके सिलबस में है- घरों-जमीनों पर अवैध कब्जा।

पीएम मोदी ने कहा कि मैं जब काशी के, उत्तर प्रदेश के विकास में डबल इंजन की डबल शक्ति और डबल विकास की बात करता हूं, तो कुछ लोगों को बहुत कष्ट होता है। पीएम मोदी ने विपक्ष पर हमला करते हुए कहा कि ये वो लोग हैं जिन्होंने उत्तर प्रदेश की राजनीति को सिर्फ जाति, पंथ, मत-मज़हब के चश्मे से ही देखा। साथ ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि किसानों को आत्मनिर्भर बनाने, अवैध कब्जे से मुक्त करने में स्वामित्व योजना की बड़ी भूमिका है। योगी जी के नेतृत्व में ये काम सफलतापूर्वक हो रहा है। करीब 21 लाख परिवारों को घरौनी के दस्तावेज दिए गए हैं।

उन्होंने आगे कहा कि, अब किसी पिछड़े दलित या कमजोर लोगों को अपने घर पर कब्जे की चिंता नहीं होगी। घरौनी मिलने से जरूरत पड़ने पर बैंकों से लोन लेना आसान होगा। रोजगार के माध्यम उपलब्ध होंगे। विकास की जब बात आती है तो काशी अपने आप में मॉडल बनता जा रहा है। पुरातन व्यवस्था बनाए रखते हुए आधुनिकता की ओर कैसे बढ़ा जा सकता है उसे काशी दिखा रहा है। लंगर हॉल के बनने से यहां देशभर से आने वाले श्रद्धालुओं को भी सुविधा होगी।