आबिद कामदार
Indore। एआईसीटीएसएल ( AiCTSL ) ने महापौर पास योजना के अंतर्गत पिछले एक माह में लगभग 2 करोड़ बीस लाख की सब्सिडी दी है,यह आंकड़ा सिर्फ एक माह का है, जो की एक बड़ा आंकड़ा है। वहीं अगर हम एक साल के आंकड़े की बात करे तो यह 20 से 25 करोड़ के आसपास होगा।
39 हज़ार पास बनाए जिसमे लगभग पांच सो पास जनरल श्रेणी के
एआईसीटीएसएल ने पिछले माह लगभग 39 हजार पास बनाए है, अगर हम सब्सिडी की बात करे तो महापौर पास योजना में 800 का पास 200 में बनाया जाता है। 75 प्रतिशत की यह सब्सिडी स्टूडेंट, विकलांग, सीनियर सिटीजन के लिए लाई गई थी। जिसमें इस श्रेणी में आने वालों को 800 रुपए का पास 200 में बनाया जाता है।
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जनरल कैटेगरी के पास बनते है 800 में
एआईसीटीएसएल में महापौर योजना के साथ जनरल कैटेगरी के पास बनाए जाते है,यह पास मुख्य रूप से व्यवसाय, नौकरी पैसा वाले लोग शहर में भ्रमण के लिए बनाते है। अगर एक माह की बात करे तो पांच सो से सात सो पास इस कैटेगरी में बनते है। इससे एआईसीटीएसएल में लगभग 6 लाख के पास एक माह में बनते है, वहीं अगर एक साल की बात करे तो यह आंकड़ा लगभग 70 लाख तक पहुंचता है।
2016 में शहर में लाई गई थी महापौर योजना
महापौर पास योजना की शुरुआत शहर में 2016 में हुई थी, तब से अभी तक यह निरंतर जारी है।स्टुडेंट को शहर में शिक्षा के लिए शहर के एक कोने से दूसरे कोने जाना होता है, वहीं उनके पास अपनी कमाई का कोई जरिया नही होता है, उन्हें शहर में सुगम यातायात सुविधा देने के मकसद से इस योजना में शामिल किया गया था, इसी के साथ सीनियर सिटीजन और विकलांगो को यातायात संबंधित समस्या और आर्थिक दृष्टि को ध्यान में रखते हुए यह सब्सिडी दी गई है।
80 प्रतिशत स्टूडेंट फायदा लेते है महापौर पास योजना का
महापौर पास योजना में लगभग 80 प्रतिशत से ज्यादा पास स्टूडेंट के बनते है, वहीं बचे पास विकलांग और सीनियर सिटीजन बनवाते है।
पास को ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों रूप से बनाया जाता है
एआईसीटीएसएल द्वारा पास को ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों रूप से बनाया जाता है, ऑनलाइन प्रक्रिया में पास बनवाने के लिए चलो एप पर लॉगिन कर प्रक्रिया पूरी करनी होती है, वहीं ऑफलाइन में डायरेक्ट विंडो से बनाए जाते है। विकलांग, सीनियर सिटीजन और स्टुडेंट के पास महापौर पास योजना में सब्सिडी पर बनाए जाते है, और एआईसीटीएसएल के ऑफिस आकर पास बनवाने वाले विकलांग और सीनियर सिटीजन को किसी प्रकार की समस्या ना हो इसका विशेष ध्यान स्टाफ द्वारा रखा जाता है।