आज शिवनवरात्रि (Shivnavratri) के प्रथम दिन बाबा महाकाल (Baba Mahakal) करेंगे चन्दन वस्त्र धारण, इस रूप में देंगे भक्तों को दर्शन

Shivnavratri: महाकाल मंदिर (Mahakal Mandir) में महाशिवरात्रि को लेकर तैयारियां शुरू हो गई हैं. मंदिर समिति ने महापर्व पर दर्शन व्यवस्था को लेकर प्लान तैयार कर लिया है. महाकाल लोक के द्वितीय चरण और शिव ज्योति अर्पणम कार्यक्रम की तैयारियों का जायजा लेने नवागत कलेक्टर पुरुषोत्तम कुमार महाकालेश्वर मंदिर पहुंचे थे, जहां उन्होंने निर्माण कार्यों की जानकारी लेने के साथ ही 18 फरवरी को आयोजित हो रहे शिव ज्योति अर्पणम कार्यक्रम की जानकारी लेते हुए महाकाल लोक के द्वितीय चरण के निर्माण कार्य तेज गति से पूर्ण करने के निर्देश दिए.

अलग-अलग स्वरूप में दर्शन देंगे महाकाल

महाकाल मंदिर में फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की पंचमी तिथि पर 10 फरवरी से शिव नवरात्र की शुरुआत होगी. भगवान महाकाल दूल्हा बनेंगे और नौ दिन तक संध्या आरती में भगवान का नित नया शृंगार होगा. 18 फरवरी को महाशिवरात्रि पर दिनभर भगवान का जलाभिषेक होगा. मध्य रात्रि महानिषाकाल में महाकाल की महापूजा होगी. 19 फरवरी को तड़के 4 बजे भगवान के शीश सवा मन फूल व फलों से बना सेहरा सजाया जाएगा. इसके बाद दोपहर 12 बजे साल में एक बार दिन में होने वाली भस्म आरती होगी.

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महाशिवरात्रि के दो दिन बाद फाल्गुन मास के शुक्ल पक्ष की द्वितीया पर 21 फरवरी को भगवान महाकाल का पंचमुखारविंद शृंगार होगा. इस दिन भक्त भगवान महाकाल के एक साथ पांच रूप में दर्शन कर सकेंगे. भगवान का पंचमुखारविंद शृंगार भी साल में एक बार ही होता है. मंदिर के पुजारी पंडित आशीष पुजारी के अनुसार, शिव नवरात्रि में सुबह 8 बजे नेवैद्य कक्ष में भगवान चंद्रमौलेश्वर का पूजन होगा. इसके बाद कोटितीर्थ कुंड के समीप स्थित श्री कोटेश्वर व रामेश्वर महादेव का अभिषेक-पूजन किया जाएगा.

ऐसे होगा Shivnavratri का पूजा अभिषेक

गर्भगृह में भगवान महाकाल का पंचामृत अभिषेक-पूजन होगा. पुजारी घनश्याम शर्मा के आचार्यत्व में 11 ब्राह्मण रुद्र पाठ करेंगे. दोपहर करीब एक बजे भोग आरती होगी. दोपहर तीन बजे संध्या पूजन के बाद भगवान का विशेष शृंगार किया जाएगा. आम दिनों में भोग आरती सुबह 10.30 बजे और संध्या पूजा शाम पांच बजे होती है. शिव नवरात्रि के चलते महाकाल मंदिर के पुजारी इन नौ दिन उपवास रखेंगे. शिव नवरात्रि के पहले दिन भगवान महाकाल को सोला (धोती), दुपट्टा व शीश पर चांदी का मुकुट धारण करवाया जाएगा. निरंतर क्रम से भक्तों को भगवान के शेषनाग, मनमहेश, चंद्रमौलेश्वर, शिव तांडव, उमा महेश, होल्कर, घटाटोप और सप्त धान मुखारविंद में दर्शन होंगे.

उज्जैन में बनेगा वर्ल्ड रिकॉर्ड 

उज्जैन में महाशिवरात्री पर्व पर शिवज्योति अर्पणम का भव्य कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है, जो कि हफ्ते भर तक आयोजित होगा. इस कार्यक्रम की विशालता इतनी अधिक रहेगी कि रामघाट के साथ ही इसे शहर के विभिन्न स्थलों पर आयोजित किया जाएगा. वैसे तो इस आयोजन में अभी काफी समय बचा हुआ है, लेकिन आयोजन भव्यता के साथ-साथ दिव्यता से परिपूर्ण हो. इसीलिए आयोजन को लेकर अभी से तैयारियों का दौर शुरू हो चुका है.

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