Bhopal: रेडक्रॉस भवन सेवा भारती को देने पर जीतू पटवारी का विरोध, कहा ‘सरकारी संपत्ति किसी को देना उचित नहीं’

पीसीसी चीफ जीतू पटवारी ने भोपाल के इतवारा रोड स्थित रेडक्रॉस भवन को सेवा भारती को सौंपने के फैसले का विरोध किया है। उन्होंने इसे नियमों के विरुद्ध बताते हुए भाजपा पर संवैधानिक संस्थाओं पर कब्जा करने का आरोप लगाया।

भारतीय रेडक्रॉस सोसाइटी, मध्य प्रदेश राज्य शाखा द्वारा भोपाल के इतवारा रोड स्थित रेडक्रॉस भवन को सेवा भारती को सौंपने के फैसले का पीसीसी चीफ जीतू पटवारी ने विरोध किया है। उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस सरकार द्वारा स्थापित संवैधानिक संस्थाओं और देश के संस्थागत ढांचे पर भारतीय जनता पार्टी हमेशा कब्जा करने का प्रयास करती रही है। उन्होंने इसे नियमों के विरुद्ध बताते हुए कहा कि भोपाल के इतवारा रोड स्थित रेडक्रॉस भवन को आरएसएस से जुड़े संगठन सेवा भारती को सौंपना इसी मानसिकता का उदाहरण है।

कांग्रेस शासन में हुआ था रेडक्रॉस भवन का आवंटन

पटवारी ने कहा कि कांग्रेस सरकार के दौरान यह भवन रेडक्रॉस सोसायटी को सौंपा गया था, जो मूल रूप से सरकारी संपत्ति है और इसे किसी राजनीतिक संगठन को देना नियमों के खिलाफ है। उन्होंने बताया कि पूर्व शिक्षा मंत्री मुकेश नायक ने राजधानी भोपाल में रेडक्रॉस अस्पताल की शुरुआत एक डॉक्टर के साथ की थी। जब उन्होंने इस संस्था को छोड़ा, तब वहां 70 डॉक्टर कार्यरत थे और बड़ी संख्या में मरीज कम लागत में इलाज कराने के लिए आते थे।

इसके अलावा, नायक के कार्यकाल में ही सिद्धांता रेडक्रॉस अस्पताल स्थापित हुआ, जो मध्य प्रदेश का प्रमुख अस्पताल बन गया। पटवारी ने आरोप लगाया कि नायक के कार्यकाल के दौरान संस्था के नाम पर 8 करोड़ रुपये की एफडी कराई गई थी, लेकिन वर्तमान प्रबंधन ने इस एफडी को तोड़ दिया, जिससे अब संस्था के बैंक खाते में सिर्फ कुछ लाख रुपये बचे हैं। उन्होंने यह भी दावा किया कि संस्था के सचिव ने इसी राशि का उपयोग कर अपनी सुविधाओं के लिए एक नई इनोवा कार खरीद ली है।

आपदा प्रबंधन के लिए स्थापित रेडक्रॉस संस्था

Bhopal: रेडक्रॉस भवन सेवा भारती को देने पर जीतू पटवारी का विरोध, कहा 'सरकारी संपत्ति किसी को देना उचित नहीं'

पटवारी ने आरोप लगाया कि मानवीय सेवा और आपदा प्रबंधन के लिए स्थापित रेडक्रॉस संस्था पर अब आरएसएस ने नियंत्रण कर लिया है और इसका उपयोग निजी स्वार्थों और सुविधाओं के लिए किया जा रहा है, जो न केवल अनुचित बल्कि नियमों के विरुद्ध भी है। उन्होंने कहा कि पूर्व मंत्री मुकेश नायक के कार्यकाल में सभी अत्याधुनिक सुविधाओं से सुसज्जित रेडक्रॉस में अब सोनोग्राफी, डायलिसिस, एंडोस्कोपी, हार्ट ईको जैसी महत्वपूर्ण चिकित्सा सेवाएं बंद कर दी गई हैं, साथ ही टीएनटी टेस्ट भी उपलब्ध नहीं है। उन्होंने यह भी दावा किया कि रेडक्रॉस द्वारा संचालित दवा दुकान को संस्था के सचिव स्वयं चला रहे हैं, जो बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है।

पटवारी ने कहा कि रेडक्रॉस संस्था ने सेंट्रल इंडिया में बेहतरीन ब्लड बैंक स्थापित किया था, जहां मरीजों को आसानी से रक्त उपलब्ध हो जाता था। लेकिन अब इस ब्लड बैंक को व्यावसायिक लाभ का हिस्सा बना दिया गया है, जो मरीजों के साथ अन्याय है। उन्होंने जोर देकर कहा कि रेडक्रॉस एक अंतरराष्ट्रीय और गैर-राजनीतिक संगठन है, जिसका मुख्य उद्देश्य निष्पक्ष और तटस्थ रूप से मानव सेवा करना है।

क्या यह सरकारी दबाव में लिया गया फैसला?

पटवारी ने सवाल उठाया कि खाली पड़े इस भवन के उपयोग के लिए किसी गैर-राजनीतिक संगठन को क्यों नहीं चुना गया? क्या यह निर्णय सरकारी दबाव में लिया गया है? उन्होंने मांग की कि रेडक्रॉस भवन को सेवा भारती को सौंपने के फैसले पर पुनर्विचार किया जाए और इसे निष्पक्ष एवं तटस्थ जनहितैषी संगठनों को सौंपा जाए। उनका कहना था कि यह भवन सभी समुदायों के लिए समान रूप से उपलब्ध होना चाहिए, न कि किसी विशेष विचारधारा के प्रचार का माध्यम बनाया जाना चाहिए।