11 हजार का प्रिंटर 22 हजार में, 350 का की-बोर्ड 1200 में खरीदकर निगम अफसर बन रहे कांट्रेक्टर के “मित्र”

नगर निगम अपनी खरीदी में सरकारी नियमों की अनदेखी कर रहा है और जेम पोर्टल पर उपलब्ध सस्ते रेट्स की बजाय महंगे ओपन टेंडर के जरिए सामान खरीद रहा है, जिससे निगम को लाखों का नुकसान हो रहा है।

नगर निगम की आर्थिक स्थिति बेहतर करने के लिए मितव्ययिता अपनानी चाहिए, लेकिन हाल ही में खरीदी गई कम्प्यूटर और प्रिंटर जैसी सामग्रियों में नियमों की धज्जियाँ उड़ाई गई हैं। इसके तहत निगम ने 2024-25 के लिए 47 लाख रुपए का एक बड़ा कॉन्ट्रैक्ट दिया है, जबकि केंद्र सरकार के गवर्नमेंट ई-मार्केट प्लेस (जेम पोर्टल) पर यही सामान बाजार से कहीं कम कीमत पर उपलब्ध था।

जेम पोर्टल की हो रही अनदेखी 

सरकारी जेम पोर्टल (गवर्नमेंट ई-मार्केट प्लेस) पर वही सामान बाजार की कीमत से डेढ़ से दो गुना सस्ता मिलता है। हालांकि, निगम ने दो ओपन टेंडर के जरिए 47 लाख रुपये का कॉन्ट्रैक्ट दिया है और धीरे-धीरे सामान खरीदा जा रहा है। जबकि नियमों के अनुसार, पहले जेम पोर्टल से खरीदी की प्राथमिकता होनी चाहिए, और अगर सामान वहां उपलब्ध नहीं हो, तभी ओपन टेंडर का सहारा लिया जा सकता है। जेम पोर्टल पर समान सामान नगर निगम को 15 से 20 लाख रुपये सस्ते में मिल सकता था।

सामान की खरीदी में हुआ बड़ा फर्क

DB स्टार में छपी एक रिपोर्ट के मुताबिक, नगर निगम ने कम्प्यूटरों, लैपटॉप्स और अन्य उपकरणों की खरीदारी में जेम पोर्टल की अनदेखी की। उदाहरण के तौर पर, एचपी के आई-3, आई-5, आई-7 डेस्कटॉप्स जेम पोर्टल पर 45,000 रुपये से शुरू होते हैं, जबकि नगर निगम ने इन्हें 55,000 से 88,000 रुपये तक खरीदा। इस पर भी अफसरों ने कोई ध्यान नहीं दिया।

11 हजार का प्रिंटर 22 हजार में, 350 का की-बोर्ड 1200 में खरीदकर निगम अफसर बन रहे कांट्रेक्टर के “मित्र”

सामान के रेट – कॉन्ट्रैक्टर, जेम पोर्टल और बाजार के रेट की तुलना

सामानकॉन्ट्रैक्टर रेट (₹)जेम पोर्टल रेट (₹)बाजार रेट (₹)
की-बोर्ड, माउस कोबी (वायर्ड)1200350-400400-500
की-बोर्ड, माउस कोबी (वायरलेस)1000650-950700-1100
मैकेनिकल की-बोर्ड माउस3600800-25001500-2000
की-बोर्ड कयर्ड400200-300200-300
माउस वायर्ड300100-200100-300
की-बोर्ड वायरलेस1600400-600600-800
माउस वायरलेस750300-400400-600
लेजर प्रिंटर स्कैनर3680016000-2000010000-15000
लेजर प्रिंटर2250010500-120008000-12000
कलर प्रिंटर3200018000-20000
20 इंच एलईडी72005000-60004000-6000
22 इंच एलईडी88005500-75004500-6500
केबल्स250-1100100-500100-600
रैम डीडीआर-3-8 जीबी1800600-1200600-1500
रैम डीडीआर-4-8 जीबी35001200-22001300-2000

यह तालिका विभिन्न इलेक्ट्रॉनिक सामान के कॉन्ट्रैक्टर, जेम पोर्टल और बाजार के रेट की तुलना करती है, जिसमें साफ तौर पर जेम पोर्टल के रेट्स बाजार की तुलना में बहुत सस्ते हैं।

क्या है जेम पोर्टल का लाभ?

जेम पोर्टल एक सरकारी ऑनलाइन प्लेटफॉर्म है, जहां सरकारी विभागों को प्रमाणित विक्रेताओं से सामान खरीदने का मौका मिलता है। यह प्लेटफॉर्म विक्रेताओं द्वारा रेट्स को अपडेट करने और खरीदी के लिए उचित तुलना करने की सुविधा प्रदान करता है। इसके अलावा, 2.5 लाख रुपये तक की खरीदी को कोटेशन के आधार पर किया जा सकता है, जबकि अधिक रकम के लिए टेंडर प्रक्रिया अपनानी होती है।

मुख्यमंत्री के निर्देशों के बावजूद लापरवाही

दिलचस्प बात यह है कि 2017 में तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सभी सरकारी विभागों को निर्देश दिया था कि वे अपनी सभी खरीदी जेम पोर्टल से करें। इसके बावजूद कई विभाग, विशेषकर नगर निगम, इस नियम का पालन करने में विफल रहे हैं। यह माना जा रहा है कि जेम पोर्टल पर कम कीमत होने के कारण अधिकारी कमीशन का खेल नहीं कर पाते, इसलिए वे ओपन टेंडर की ओर रुख करते हैं।