आज जन्माष्टमी का त्यौहार बड़े ही धूमधाम के साथ हर तरफ मनाया जा रहा है। भगवान श्री कृष्ण का जन्म अष्टमी तिथि को रोहिणी नक्षत्र में हुआ था। हालांकि कई बार ऐसा होता है की अष्टमी तिथि और रोहिणी नक्षत्र दोनों एक ही दिन नहीं होते हैं लेकिन इस बार कृष्ण जन्म तिथि और नक्षत्र एक साथ ही है। आज कृष्ण जन्माष्टमी का पावन पर्व है आज ही के दिन भगवान श्री कृष्ण का जन्म हुआ था। आइए इनके पूजन का मुहूर्त जानते हैं।
पूजन का शुभ मुहूर्त
आज कृष्ण जन्माष्टमी के इस शुभ अवसर पर भगवान श्री कृष्णा के पूजन का शुभ मुहूर्त मध्य रात्रि से लगभग 12:45 तक पूजन का शुभ मुहूर्त है। आज लगभग 190 साल बाद यह दुर्लभ योग बनता नजर आ रहा है। जिसमें ज्योतिषाचार्य का कहना है की जन्माष्टमी तिथि शुक्रवार रात 11:49 से शनिवार रात 9:34 तक है। शुक्रवार के दिन चंद्रमा अपनी उच्च राशि वृषभ में सूर्य अपनी स्वरासी सिंह में और गुरु अपनी मिथुन राशि में और मंगल कन्या राशि में होगा। इसका राशियों पर अच्छा प्रभाव देखने को मिलेगा।
कुछ नियमों का करें पालन

कृष्ण जन्माष्टमी के दिन आपको कुछ खास नियमों का पालन करना होता है। इस दिन ब्रह्मचर्य का पालन करें और दिन में सोने से बचे। इसके अलावा नमक नहीं खाना है अगर उपवास रखते हैं तो आपको भगवान श्री कृष्णा का आशीर्वाद मिलेगा इसके अलावा आप इस दिन दही, दूध, साबूदाना, कुट्टू के आटे से बने व्यंजन और फल का सेवन कर सकते हैं। इस प्रकार आपको इन नियमों का पालन करना होगा।
खीरे का महत्व
खीरे का कृष्ण जन्माष्टमी से जुड़ा हुआ एक खास महत्व है। खीरे का काटना भगवान श्री कृष्ण के जन्म का प्रतीक माना जाता है। इसीलिए इसका कृष्ण जन्माष्टमी के दिन पूजन किया जाता है।