श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर वृंदावन में भक्तों का सैलाब, मथुरा में ठाकुरजी ने धारण किए स्वर्णाभूषित वस्त्र, ‘ऑपरेशन सिंदूर’ थीम पर सजी जन्मभूमि

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By Raj RathorePublished On: August 16, 2025

आज पूरा देश श्रीकृष्ण जन्माष्टमी की पावन धूम में डूबा हुआ है। विशेषकर मथुरा और वृंदावन में श्रीकृष्ण जन्मोत्सव का अनोखा नज़ारा देखने को मिल रहा है। करीब 10 लाख श्रद्धालु इस पावन अवसर पर वृंदावन पहुंचे हैं। बांके बिहारी मंदिर के बाहर भक्तों की लंबी कतारें लगी हैं, जहां हर कोई ठाकुरजी के दर्शन पाने के लिए आतुर है। चारों ओर जय श्रीकृष्ण के जयकारों से वातावरण भक्तिमय और उल्लासपूर्ण बना हुआ है।


ठाकुरजी के लिए विशेष पोशाक की तैयारी

श्रीकृष्ण जन्मभूमि मंदिर में ठाकुरजी को अर्पित होने वाली पोशाक इस बार बेहद खास है। इसे तैयार करने में पूरे छह महीने का समय लगा। मथुरा के कारीगरों ने अपनी कुशलता से इसमें सोने और चांदी के तारों का बारीकी से काम किया है। साथ ही इसमें इंद्रधनुष के सात रंगों का अद्भुत संयोजन किया गया है। इस अलंकारिक वेशभूषा में ठाकुरजी के दर्शन भक्तों को दिव्य और अलौकिक अनुभव देंगे।

श्रीकृष्ण जन्मभूमि की सजावट और ‘ऑपरेशन सिंदूर’ थीम

पूरे श्रीकृष्ण जन्मभूमि मंदिर को ‘ऑपरेशन सिंदूर’ थीम पर सजाया गया है। ठाकुरजी जिस फूल बंगले में विराजेंगे, उसे खास तौर पर सिंदूरी रंग के फूलों से सजाया गया है। ये फूल विशेष रूप से कोलकाता और बेंगलुरु से मंगवाए गए हैं। फूलों की इस अद्भुत सजावट से मंदिर परिसर अलौकिक आभा से दमक रहा है। श्रद्धालु यहां आकर स्वयं को ब्रज की दिव्य लीला में डूबा हुआ महसूस कर रहे हैं।

जन्माष्टमी पर सुरक्षा के कड़े इंतज़ाम

श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के मौके पर मथुरा में सुरक्षा को लेकर अभूतपूर्व इंतज़ाम किए गए हैं। चप्पे-चप्पे पर पुलिस, पीएसी और खुफिया एजेंसियां तैनात हैं। आतंकवादी गतिविधियों की आशंका को देखते हुए एटीएस कमांडो की भी तैनाती की गई है। पूरे क्षेत्र की निगरानी ड्रोन कैमरों से की जा रही है और हर श्रद्धालु की गहन चेकिंग हो रही है। किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए प्रशासन ने तीन स्तरीय सुरक्षा व्यवस्था लागू की है, ताकि भक्त निश्चिंत होकर उत्सव का आनंद ले सकें।

मथुरा में जन्मोत्सव का शुभारंभ

भगवान श्रीकृष्ण की जन्मस्थली और लीला स्थली मथुरा में जन्मोत्सव धूमधाम से शुरू हो चुका है। भव्य शोभायात्रा में ब्रज संस्कृति का अद्वितीय और अनुपम स्वरूप देखने को मिला। कहीं रासलीला की झलक, तो कहीं मयूर नृत्य ने देश-विदेश से आए श्रद्धालुओं का मन मोह लिया। शोभायात्रा के दौरान पूरे नगर में उत्साह और श्रद्धा की लहर दौड़ गई। इस दिव्य आयोजन को अविस्मरणीय बनाने के लिए मंदिर प्रशासन और स्थानीय लोगों ने व्यापक तैयारियां की हैं।