Tithi : आज है मार्गशीर्ष कृष्ण अमावस्या तिथि, रखें इन बातों का ध्यान

Pinal Patidar
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shani

आज शनिवार, मार्गशीर्ष कृष्ण अमावस्या तिथि है। आज अनुराधा नक्षत्र, “आनन्द” नाम संवत् 2078 है
( उक्त जानकारी उज्जैन के पञ्चाङ्गों के अनुसार है)

-आज शनिश्चरी अमावस्या है।
-आज भारत में सूर्यग्रहण का कोई प्रभाव नहीं है।
-आज शनिश्चरी अमावस्या के दिन शमी पत्र से शनिदेव की पूजा करने तथा तिल मिश्रित उड़द, लोहा, सरसो का तेल शनिदेव को चढ़ाने का अत्यधिक महत्त्व है।

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-जिसकी जन्म कुण्डली में मेष, सिंह तथा वृश्चिक राशि पर शनि स्थित हो, उन्हें शनि देव की आराधना, जप, दान जरूर करना चाहिए।
-महाराज दशरथ कृत शनि स्तुति और राजा नल कृत शनि स्तुति का पाठ करने से शनिदेव प्रसन्न होकर अनुकूल फल प्रदान करते हैं।
-पद्म पुराण उ. 34/ 27 – 35 में महाराज दशरथ द्वारा की गई शनि स्तुति का उल्लेख है।
-राजा नल द्वारा की गई शनि स्तुति का उल्लेख भविष्य पुराण के उत्तर पर्व 114 में श्लोक 39 – 42 तक है।
-प्रतिदिन या प्रत्येक अमावस्या, शनिश्चरी अमावस्या के दिन देशी गाय को रोटी, गुड़, चारा खिलाने से पितृदोष की शान्ति होती है।
-हनुमान जी के उपासक तथा पीपल की पूजा करने वाले पर शनि ग्रह का प्रतिकूल प्रभाव नहीं होता है।
-महाराज दशरथ को दिए गए वचन के कारण शनिदेव कभी भी रोहिणी नक्षत्र का भेदन (शकट भेदन) नहीं करते हैं।
-आज शनिश्चरी अमावस्या तथा शनिवार के दिन महर्षि पिप्पलाद की भक्ति भाव से पूजा करने से भी शनिदेव प्रसन्न होते हैं।

विजय अड़ीचवाल