भारत में वर्तमान समय में G20 शिखर सम्मेलन का आयोजन किया जा रहा है। भारत इस साल G20 शिखर सम्मेलन की अध्यक्षता कर रहा है। यह सम्मेलन 9 सितंबर से शुरू हुआ, जिसमें जी20 के बैकड्रॉप में एक पहिया नजर आया। भारत में ऐसे कई रहस्यमयी चीजें है जो इतिहास का समर्पित करती है। भारत में कुछ ऐसे देवी-देवताओं के मंदिर बने हुए जो कई सदियों पुराने है। इन मंदिरों में आज भी कई प्रकार के रहस्यमयी इतिहास छुपे हुए होते है। जिसे जानकर कभी-कभी आप भी हैरान हो जाते है।
हाल में आयोजित G20 शिखर सम्मेलन का आयोजन किया जा रहा है। जिसमे एक प्रकार के पहिये को देखा गया है जो भारत मंडपम में बैकग्राउंड में एक के पीछे एक बड़ा सा पहिया लगाया गया था। जिसने इस पहिये के बारे में को जानने के लिए लोगो को उत्सुक कर दिया। जानकरी के अनुसार, बताया जा रहा है कि यह पहिया ओडिशा के कोणार्क सूर्य मंदिर के कोणार्क चक्र का प्रतिरूप है। कोणार्क सूर्य के नाम से मशहूर यह मंदिर की चर्चा किताबों और इतिहास में शामिल है। इसे यूनेसको वर्ल्ड हेरिटेज साइट में भी शामिल किया गया है। इस मंदिर को पद्म खेत्रा के नाम से भी जाना जाता है।
कोणार्क ओडिशा के गोल्डन त्रिकोण का हिस्सा है, जिसमें भुवनेश्वर और पुरी भी शामिल हैं। इसका निर्माण 1250 AD में राजा नरसिम्हदेव द्वारा किया गया था। यह मंदिर देखने में सूर्य देव के रथ की तरह दिखता है जिसमें 12 जोड़े पहिए हैं और सात घोड़े लगे हुए दिखाई देते है। कोणार्क चक्र यहां का सबसे मुख्य आकर्षण है। यह सन डायल की तरह काम करता है और माना जाता है कि यह बिल्कुल सही समय प्रदर्शित करता है। बारह पहिए साल के बारह महीने दर्शाता है और पहिए के भीतर के आठ डायल दिन के आठ पहर को दर्शाता है।