अगले 72 घंटों में इन 10 जिलों में गरज चमक के साथ होगी भारी बारिश, मौसम विभाग ने जारी किया अलर्ट

Simran Vaidya
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बीते कुछ दिनों से प्रदेश का मौसम बेहद ज्यादा शुष्क बना हुआ है। वहीं नवंबर में आने वाली भीषण सर्दी से लोगों को अभी आराम मिला हैं। जहां दिन के पारे में उठा पटक का दौर कायम है। इसके चलते जनता को दिन में ग्रीष्म का सामना करना पड़ रहा है। मौसम स्पेशलिस्ट का आशय है कि प्रदेश में 11 नवंबर के बाद पारे में कमी और धुंध पड़ने की आशंका जताई गई है। जिसके चलते एक हफ्ते के भीतर दिन और रात्रि के टेंपरेचर में कमी के साथ ही सर्दी का प्रभाव दिखना भी प्रारंभ हो सकता है। इसके पीछे का प्रमुख कारण हैं पहाड़ी इलाकों में हो रहा जबरदस्त स्नोफॉल और धुआंधार वर्षा जिसके चलते वेस्टर्न डिस्टर्बेंस शुरू हो सकता है। हालांकि अभी सवेरे के वक्त मामूली सर्दी के साथ ही ओस भी पड़ रही है। लेकिन दिन के पारे में कोई विशेष बदलाव नहीं देखा गया है।

मौसम कार्यालय के मुताबिक बीते 24 घंटे प्रदेश का वातावरण काफी ज्यादा सुखा हुआ हैं। वहीं भोपाल, उज्जैन, ग्वालियर, जबलपुर और रीवा संभाग के जिलों में अधिकांश पारा मध्यम से ज्यादा रहा, जबकि अन्य संभागों के जिलों में टेंपरेचर साधारण रहा। यहां कम से कम पारा तकरीबन समस्त जिलों में साधारण बना रहा है। दमोह जिले में दिन का टेंपरेचर प्रदेश में अधिक से अधिक बना हुआ है।

दिन में ग्रीष्म, रात्रि में शीतलता

मौसम विशेषज्ञों के अनुसार उत्तर से चलने वाली हवाएं प्रदेश में दस्तक नहीं दे पा रही है। इसके चलते दिन में टेंपरेचर समान बने रहने के साथ ही कड़क धूप को भी झेलना पड़ रहा है। वहीं आकाश स्पष्ट रहने और वेस्टर्न डिस्टर्बेंस का खास प्रभाव नहीं होने से हद से ज्यादा ग्रीष्म का अनुभव हो रहा है। इसके अतिरिक्त सवेरे और रात्रि के वक्त गुलाबी सर्दी देखने को मिल रही है। प्रदेश में मौजूदा हालात में हवाओं का रुख दक्षिण और दक्षिण पूर्व की तरफ निर्माणित हो रहा है, जिसके चलते आने वाले 1-2 दिन मौसम साफ बना रहेग।

दीपोत्सव के बाद एक्टिव होगा वेस्टर्न डिस्टर्बेंस

मौसम के जारी अनुमान मुताबिक, दीपावली के पश्चात बंगाल की खाड़ी में वेस्टर्न डिस्टर्बेंस पुनः बड़े स्तर के साथ एक्टिव हो सकता है। इसके अलावा दूसरे साइक्लोन भी एक्टिव होने से प्रदेश के कुछ संभागों में मामूली वर्षा देखने को मिल सकती है। वेस्टर्न डिस्टर्बेंस का प्रभाव टीकमगढ़, छतरपुर, पन्ना, रायसेन और विदिशा जिले में कम से कम वृष्टि की आशंका जताई गई है। वहीं 12 नवंबर के बाद से टेंपरेचर में भारी कमी रिकॉर्ड की जा सकती है।