आदिकिसान ग्रुप को एक रजिस्टर्ड आदिकिसान संगठन, सोसाइटी या संघ का रूप दिया जायेगा

srashti
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कल दिनांक 16-11-2024 को रात 8 बजे आदिकिसान की आनलाइन मीटिंग रखी गई जिसमें काफी संख्या में लोग जुड़े और मीटिंग के शुरुआत में देवकुमार पंवार ने बताया कि जैसे उन्होने मई 2024 में राष्ट्रीय सम्मेलन में प्रस्ताव पारित किया था और पूर्व निर्धारित किया था कि आदिकिसान ग्रुप को एक रजिस्टर्ड आदिकिसान संगठन,सोसाइटी या संघ का रूप दिया जाएगा। और कल कागज़ी दस्तावेज़ की तमाम प्रक्रिया पूर्ण हुई। आगे उन्होने बताया कि आदिकिसान रिसर्चर संगठन में रिसर्च के मुद्दे सोशल,पाॅलिटिकल,हिस्ट्री,इकोनाॅमिक रहेंगे। ज्यादा से ज्यादा उत्पादक वर्ग का भला हो। जैसा कि 2015 से निर्धारित प्रक्रिया के नियमों का पालन किया जाएगा। सभी के साथ जस्टिस हो किसी के साथ भेदभाव या अन्याय न हो और मानवतावादी दृष्टिकोण के साथ किसी के भी साथ अमानवीय व्यवहार ना हो इस सब बातों का खास ख़्याल रखा जाएगा।

मीटिंग के शुरुआत में ही प्रभात यादव जी ने आदिकिसान से जुड़े सभी सदस्यों से उनके अनुभव और सामने आई दिक्कतों के बारे में चर्चा कि जिसमें सभी के जवाब संतोषजनक ही रहे कि शुरुआती दौर में लोगों को यह विचारधारा समझ नही आई और सवालों के साथ विरोध में आए थे लोग लेकिन धीरे धीरे सभी को मजबूर तर्क और तथ्यों के साथ उनके भ्रम दूर किये गये और अब ज्यादा से ज्यादा लोग साथ आ रहे हैं क्योंकि सबसे सभी समस्याओं से जुडे़ मुद्दे साँझा किए जा रहे हैं। मुकेश मीणा ने मीटिंग को आगे बढा़ते हुए बताया कि काफी लंबे समय से आदिकिसान आइडियोलाॅजी मुख्यधारा में है और यह विचारधारा सबके हितों को साथ लेकर चली थी जिसे थोडे़ टाइम बाद स्थापित हो जाना चाहिए था लेकिन इतना आसान नही था समय और संसाधनों की जरुरत रहती है और अंत में जो प्रस्ताव पारित हुआ था कि आदिकिसान को एक रजिस्टर्ड सोसायटी का रूप देना है सभी सदस्यों को एक पद के साथ कार्यभार की पुख़्ता जिम्मेदारी सौंपी जानी है जो सारा काम कल पूरा हुआ।

सह-संचालन में देवकमार पंवार ने बताया कि मुकेश मीणा जो राजस्थान में यूनिवर्सिटी में प्रोफेसर है, President पद के लिए समर्थ है जो लंबे टाइम से आदिकिसान की तमाम गतिविधियों को संभाले हुए हैं और एम के मीणा को उनकी सहमति पूछी गई तो उन्होने इस पद के लिए सहमति जताई और सभी सदस्यों की भी सहमति ली गई। Vice President पद के लिए सभी सदस्यों ने उषा नैन के लिए सहमति जताई जो पिछले साल से आदिकिसान में सक्रिय है लेकिन लंबे टाइम से इसे फाॅलो करती आई है और उन्हें उनकी सहमति से आदिकिसान में रिसर्च आगे बढ़ाने और अन्य जिम्मेदारी सौंपी गई।

मीटिंग को आगे बढा़ते हुए देवकुमार पंवार जो कि पिछले 10 सालों से आदिकिसान में हर गतिविधि में सक्रिय रहे व फर्जी इतिहास की रिसर्च के उम्दा तरीकों के साथ जो साक्ष्य प्रस्तुत किये हैं बेमिसाल हैं और पूरी तरह से आदिकिसान को समर्पित है। देवकुमार  को बतौर सेक्रेटरी पद के लिए सभी सदस्यों की सहमति से कार्यभार सौंपा गया जिस पर उन्होने पूरी निष्ठा और ईमानदारी से जिम्मेदारी निर्वहन करने की सहमति जताई, आगे अजय अहीर प्रताप के आदिकिसान में बेहतरीन कम्यूनिकेशन और रिसर्च के प्रसार प्रचार और फैलाव को मध्येनजर रखते हुए उन्हें कम्यूनिकेटर यानि के प्रचारक महामंत्री पद की भूमिका उनकी सहमति व सबकी सहमति से सौंपी गई। कोषाध्यक्ष के लिए प्रभात यादव को जो कि लंबे समय से रिसर्च का काम बडी़ तन्मयता और ईमानदारी से संभाले हुए है को बिल्कुल उपर्युक्त माना गया जो सबकी सहमति से उन्हें यह कार्यभार दिया गया।

लेखक काॅर्डिनेटर पद के लिए रणजीत जी जो कि इस काम में काफी टाइम से आदिकिसान से जुड़े हुए है उन्हें सबकी सहमति से इस पद का कार्यभार सौंपा गया। इंदौर से नीरज राठौड़ जी जिनकी रिसर्च भी बेमिसाल है उनके थाईलैंड वाले विडियो पूरे देश को सच्चाई से रूबरू करवाते हैं और हरियाणा में बहुत फेमस हुए हैं। नीरज राठौड़ जी लंबे समय से मीडिया में है उन्हें सर्वसम्मति से मीडिया प्रभारी का पद सौंपा गया। राजेंद्र मीणा जो कि टीचर है को किसान विंग के प्रवक्ता के पद के लिए सभी सहमत थे।विधि सलाहकार के पद पर विकास यादव जी को जो कि गाजियाबाद कोर्ट में है,को लीगल सेल का कार्यभार सौंपा गया जो कि इस काम में पहले से ही एक्सपर्ट है।

जयपुर से रमेश जो कि व्हाटसअप ग्रुप संचालन ट्रेडस बेहतर तरीके से संभाले हुए है,इनको किसान के लिए मार्केटिंग व किसान, कामगार, आदिवासी के लिए, आर्थिक विषयों का परस्पर काॅर्डिनेट का दायित्व सौंपा गया है। मीटिंग के अंत में मुकेश मीणा ने बताया कि डिजिटल Quarterly magazine में आदिकिसान में सभी प्रयासों को डिजिटल रूप दिया जाएगा जो कि सबसे बड़ा फॉर्मैट है,सबसे बड़ी विचारधारा है,सिद्धांतो का तार्किक मूल्यांकन कर रहा है इससे पहले अपने हितों को प्रोटेक्ट करने के लिए कोई विजन नही था। यहाँ सभी सदस्यों पारिवारिक,सामाजिक मर्यादा का खास ख़्याल रखा जाएगा।इसके साथ ही देवकुमार पंवार ने बताया कि डिसेंटरलाईजेशन आफ पावर, Entitlement का हक लोकल मूलवासी को,ओर कबीलो के सामाजिक रीति रिवाजों का संरक्षण, Minimum interfair of government, समाज का सत्ता को रूल करना ना कि सत्ता द्वारा समाज को, सामाजिकतावाद लाना, सामूहिकता और आर्थिक शोषण के खात्मे की तरफ बढ़ना ओर कबीलो के सामाजिक रीति रिवाजों का संरक्षण, ज्यूरी कोर्ट, रेफरेंडम, पंचायती कल्चर को प्रमोट करना, कानून बनाने की ताकत स्थानीय समाज को देना और आदिवासी किसान कामगार कबीलो के हित समूह ओर दबाव समूह की तरह कार्य करते रहना मुख्य उद्देश्य रहेंगे।