बरसात का मौसम आते ही संक्रमण, पाचन की दिक्कतें, स्किन एलर्जी और वायरल फीवर जैसी समस्याएं आम हो जाती हैं. ऐसे में जिस सब्जी का नाम सुनते ही लोग मुंह बना लेते हैं. करेला, वही इस मौसम में आपकी प्राकृतिक ढाल बन सकता है. आयुर्वेद में करेले को “तिक्त रस” (कड़वे स्वाद) वाली औषधीय सब्जियों में गिना गया है, जिसे प्राकृतिक एंटीबायोटिक की तरह इस्तेमाल किया जा सकता है.
आयुर्वेद क्या कहता है करेले के बारे में?
Acharya Charak ने अपने ग्रंथ में करेला को “ज्वरघ्न, कृमिनाशक और रक्तशोधक” बताया है. यानी यह बुखार, पेट के कीड़े और खून की अशुद्धियों को दूर करने में बेहद असरदार है. बरसात में जहां बैक्टीरिया और फंगस तेजी से फैलते हैं, वहां करेला आपके शरीर को अंदर से साफ करने का काम करता है.
मानसून में करेला क्यों जरूरी है?
मानसून के मौसम में शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता थोड़ी कमजोर हो जाती है. ऐसे में करेला (Bitter Gourd) एक ऐसा सुपरफूड है जिसे आयुर्वेद ‘प्राकृतिक एंटीबायोटिक’ मानता है. आइए जानें मानसून में करेले को खाने की जरूरत क्यों है.
1. डिटॉक्स करता है लिवर- करेला लिवर के टॉक्सिन्स को बाहर निकालकर उसे हेल्दी बनाए रखता है. बरसात में लिवर पर वायरस का असर बढ़ जाता है, ऐसे में करेला रामबाण है.
2. इम्युनिटी बूस्टर- इसमें मौजूद विटामिन C, जिंक, एंटीऑक्सिडेंट्स आपकी रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत बनाते हैं.
3. ब्लड प्यूरीफायर- करेला खून को साफ करता है जिससे मुंहासे, एलर्जी और स्किन इंफेक्शन से बचाव होता है — जो मानसून में आम हैं.
4. डायबिटीज कंट्रोल में सहायक- बरसात में फिजिकल एक्टिविटी कम होने से ब्लड शुगर बढ़ सकता है, लेकिन करेला इंसुलिन जैसा काम कर ब्लड शुगर लेवल को बैलेंस करता है.
5. पाचन में सुधार- करेले में फाइबर भरपूर होता है जो बरसात के मौसम में होने वाली एसिडिटी, गैस और कब्ज जैसी समस्याओं से राहत दिलाता है.
कैसे करें करेले का सेवन?
. करेले की सब्जी – प्याज-लहसुन के बिना बनाएं, हल्दी और अजवाइन डालें
. करेला जूस – सुबह खाली पेट एक छोटा गिलास (मिश्रण में नींबू या सेब डाल सकते हैं)
. करेला चिप्स/भुजिया – बच्चों को पसंद आए, तेल में तलने से पहले नमक लगे करेले को सुखा लें
. करेला काढ़ा – तुलसी, काली मिर्च और अदरक के साथ उबालकर पिएं
किन्हें करना चाहिए सावधान?
. लो ब्लड प्रेशर वाले लोग
. प्रेग्नेंट महिलाएं (सिर्फ डॉक्टर की सलाह से सेवन करें)
. जिनका पाचन बहुत कमजोर है, उन्हें जूस की जगह हल्का पकाया हुआ करेला ही लें
एक्सपर्ट की राय
“बरसात में करेला पेट की सफाई करता है, लिवर को बचाता है और शरीर को इन्फेक्शन से लड़ने की ताकत देता है. यह मौसम में सबसे सस्ती और असरदार दवा है जो हर रसोई में मिल जाती है.”