मध्य प्रदेश में स्वाइन फ्लू के 13 मामलों में से 3 अभी भी सक्रिय हैं, हालांकि अभी तक किसी भी मौत की पुष्टि नहीं हुई है। प्रोफेसर विजय गुप्ता की संदिग्ध स्वाइन फ्लू से हुई मौत ने स्वास्थ्य विभाग को सतर्क कर दिया है। जिला एपिडेमियोलॉजिस्ट डॉ. अंशुल मिश्रा के अनुसार, जनवरी 2024 से अब तक 13 स्वाइन फ्लू के पॉजिटिव केस सामने आए हैं, जिनमें से 3 केस अभी भी सक्रिय हैं।
स्वाइन फ्लू के संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए शहर में एहतियात बरतने की कोशिश की जा रही है। सीएमएचओ डॉ. बीएस सेत्या ने बताया कि प्रोफेसर गुप्ता की स्वाइन फ्लू की रिपोर्ट अभी सरकारी लैब से आनी बाकी है, और रिपोर्ट आने के बाद ही स्थिति स्पष्ट हो पाएगी। प्रोफेसर गुप्ता का अंतिम संस्कार 8 सितंबर को रीजनल मुक्तिधाम में संपन्न हुआ, और एहतियात के तौर पर उनका उठावना 9 सितंबर को उनके निवास पर आयोजित किया जाएगा, ताकि संक्रमण फैलने से रोका जा सके। प्रोफेसर गुप्ता के निधन से पहले उनकी स्थिति में सुधार हो रहा था, और उन्हें 7 सितंबर को अस्पताल से छुट्टी मिलने वाली थी, लेकिन अचानक उनकी तबीयत बिगड़ गई और उनकी मौत हो गई।
इस घटना के बाद विश्वविद्यालय परिसर में स्वाइन फ्लू को लेकर सतर्कता और भी बढ़ गई है, खासकर 19 सितंबर को प्रस्तावित दीक्षांत समारोह के मद्देनजर, जिसमें राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू का आगमन होना है। प्रोफेसर गुप्ता के मामले में अस्पताल और सरकारी स्वास्थ्य विभाग के डॉक्टरों की राय अलग-अलग है। अस्पताल का कहना है कि वे स्वाइन फ्लू से ठीक हो चुके थे और अचानक झटके आने के कारण उनकी मृत्यु हुई, जबकि सरकारी रिपोर्ट आने के बाद ही उनकी मौत के सही कारण की पुष्टि हो सकेगी।