राष्ट्रपति चुनाव की तैयारियां जोरों पर हैं। इसी बीच अब शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने एनडीए की राष्ट्रपति उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू का समर्थन देने का ऐलान किया है उनका कहना है कि वैसे तो हमें विरोध करना चाहिए था। लेकिन मैं इतने छोटे मन का नहीं हूं। राष्ट्रपति चुनाव में उद्धव ठाकरे ने शिवसेना की तरफ से भी समर्थन का ऐलान करते हुए साफ तौर पर कहा कि “शिवसेना के सांसदों ने मुझ पर कोई दबाव नहीं डाला है, लेकिन उन्होंने अनुरोध किया है। उनके सुझाव को देखते हुए हम राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार के रूप में द्रौपदी मुर्मू का समर्थन करने जा रहे हैं। हमें खुशी है कि 1 अनुसूचित जनजाति की महिला राष्ट्रपति बन रही है। आपको बता दें कि उद्धव ठाकरे के ऐलान से ठीक पहले ही मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा कि “हम राष्ट्रपति चुनाव के लिए द्रौपदी मुर्मू का समर्थन करेंगे”।
हालाकि यह भी कहा जा रहा हैं कि उद्धव ठाकरे का यह फैसला महाविकास अघाड़ी गठबंधन के लिए भी बड़ा झटका होगा। क्योंकि MVA के बाकी दोनों साथ ही कांग्रेस और शरद पवार की पार्टी नेशनलिस्ट कांग्रेस पार्टी, विपक्ष के राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार यशवंत सिन्हा का समर्थन कर रही है। लेकिन कहां जा रहा है कि उद्धव ठाकरे ने संजय राऊत की बात को दरकिनार करते हुए पार्टी के सांसदों की बात को स्वीकार किया है।
Must Read- शिवराज को ठंडी चाय को लेकर राजनीतिक बवाल
आपको बता दे कि शिवसेना की बैठक मैं ज्यादातर सांसदों ने उद्धव ठाकरे से अनुरोध किया था कि वह राष्ट्रपति चुनाव में द्रौपदी मुर्मू का समर्थन करें लेकिन इस दौरान संजय रावत का कहना था कि शिवसेना को यशवंत सिन्हा का सपोर्ट करना चाहिए। लेकिन आज उद्धव ठाकरे ने राष्ट्रपति चुनाव में द्रौपदी मुर्मू का समर्थन करने का ऐलान किया है। 18 जुलाई को राष्ट्रपति चुनाव होना है और उसी दिन मानसून सत्र भी शुरू होने वाला है। जिसके बाद 21 जुलाई को देश के नए राष्ट्रपति का नाम सामने आ जायेगा।