Indore News : जिस प्रकार देव स्थानों की पवित्र यात्रा पैरों से ही पूरी नहीं होती है हमें लकड़ी का सहारा लेना पड़ता है। उसी प्रकार संयम के मार्ग पर चलने के लिए प्रभु का सहारा हमारा सहायक होता है। संयम जीवन पर चलना व्रत ही नहीं महाव्रत होता है। जो हमारी आत्मा का सुरक्षा कवच होता है।
उक्त विचार रविवार को तिलक नगर स्थित तिलकेश्वर पाश्र्वनाथ तीर्थ धार्मिक पारमार्थिक सार्वजनिक न्यास एवं श्रीसंघ द्वारा आयोजित दो साध्वीयों की बड़ी दीक्षा महोत्सव में आचार्यश्री विजय कुलबोधि सूरीश्वरजी मसा ने सभी श्रावक-श्राविकाओं को संबोधित करते हुए व्यक्त किए। आचार्यश्री ने दीक्षा महोत्सव की सभी विधियों को एक-एक कर सभी को बताया। दीक्षार्थी साध्वी श्री परार्थरत्नाश्रीजी एवं बाल साध्वीजी श्री गीतार्थरत्ना श्रीजी ने आचार्यश्री विजय कुलबोधि, साध्वी श्री सौम्यरत्नाश्रीजी, साध्वीजी पुनितरसाश्रीजी का आशीर्वाद भी लिया।
श्री नीलवर्णा पाश्र्वनाथ मूर्तिपूजक ट्रस्ट अध्यक्ष विजय मेहता एवं कल्पक गांधी ने बताया कि तिलक नगर में आयोजित दो साध्वीयों की बड़ी दीक्षा उत्साह पूर्वक मनाई गई। जिसका साक्षी संपूर्ण जैन समाज बना। आचार्यश्री ने दोनों ही साध्वीयों को पांच महाव्रत की शपथ भी इस दौरान दिलाई।
चातुर्मास समिति संयोजक कल्पक गांधी ने बताया कि आचार्य विजय कुलबोधि सूरिश्वरजी मसा 10 से 12 जून तक अनुराग नगर स्थित उपाश्रय में सुबह 9.15 से 10.15 बजे तक श्रावक श्रविकाओं को प्रवचनों की अमृत वर्षा करेंगे। वहीं 13 से 14 जून विजय नगर श्रीसंघ, 15 से 16 जून सुखलिया, 17 से 18 जून क्लर्क कालोनी, 19 से 21 जून वल्लभ नगर, 22 से 23 जून पत्थर गोदाम, 24 से 29 जून रेसकोर्स रोड़, 30 जून राऊ एवं 1 से 3 जून जानकी नगर श्रीसंघ में आचार्यश्री का मंगल प्रवेश होगा।
संलग्न चित्र- तिलक नगर स्थित तिलकेश्वर पाश्र्वनाथ श्वेताम्बर जैन मंदिर में दो साध्वीयों की दीक्षा महोत्सव का उत्सव मनाते जैन समाज बंधु।