ग्राहकों को धोखाधड़ी से बचाने लिए RBI ने जारी की ‘राजू और चालीस चोर’, कहानियों से पता चलेंगे फ्रॉड के तरीके

Share on:

आए दिन बढ़ रहे अपराधों में साइबर अपराधों और बैंकिंग फ्रॉड्स को रोकने और नियंत्रण में करने के उद्देश्य से भारतीय रिजर्व बैंक, आरबीआई ने राजू और चालीस चोर नाम से बुकलेट निकाली है। जिसमें धोखाधड़ी फ्रॉड और बेईमानी की घटनाओं से संबंधित 40 कहानियां हैं।

आप सबने अली बाबा और चालीस चोर की कहानी तो पढ़ी ही होगी, जो लूट और चोरी का माल एक रहस्यमयी गुफा में छिपा देते थे। आज के चोर को उस कहानी के बिल्कुल विपरीत हैं। वे अपने अड्डे पर बैठे-बैठे ही आपके पास एक लिंक भेजकर तो कभी ओटीपी पूछकर आपके बैंक खाता पूरा खाली कर देते हैं। ऐसे शातिरों से आपको आगाह करने के लिए आरबीआई (भारतीय रिजर्व बैंक) के बैंकिंग लोकपाल ने कहानियों की तरह एक पुस्तिका तैयार की है। इसमें नकली और काल्पनिक पात्र राजू और चालीस चोरों की कहानी के जरिये दिखाया गया है कि शातिर 40 तरीकों से कैसे आपको अपने जाल में फंसाकर आपका खाता खाली कर देते हैं।

Also Read – मोदी जी की हत्या वाले बयान पर मचा बवाल, CM बोले- कांग्रेस के भाव प्रकट हो गए, इसे सहन नहीं किया जाएगा

आरबीआई के सूत्रों के मुताबिक , ग्राहक जागरूकता प्रारंभ के अंतर्गत पिछले वर्ष जुलाई में वित्तीय धोखेबाजों के तौर तरीकों पर एक बुकलेट बी अवेयर पब्लिश्ड की गई थी। अब इसे डिटेल्स देते हुए राजू एंड द फोर्टी थीव्स (राजू और चालीस चोर) हैडिंग से लांच किया गया है। इसमें फाइनेंसियल शिक्षा को बढ़ाने की दिशा में काम किया गया है। यह सीरीज उन कस्टमर्स के लिए उपयोगी रहेगी, जिन्होंने अभी-अभी डिजिटल दुनिया में अपना कदम रखा हो पर ऑनलाइन आदान प्रदान की बारीकियां नहीं समझते।

इस श्रृंखला में ऐसी 40 कहानी हैं, जो आरबीआई में आने वाली धोखाधड़ी और जालसाज़ी की घटनाओं का जिक्र करती हैं। इसमें राजू को कभी किसान, कभी एक जिन्दादिल व्यक्ति जैसे अलग-अलग रोल्स में दिखाया गया है। बताया गया कि आरबीआई के मुंबई द्वितीय (महाराष्ट्र और गोवा) की बैंकिंग लोकपाल टीम ने कोरोना काल के समय इस श्रृंखला को तैयार किया है। जिससे सबक लेकर समस्त व्यक्ति फ्रॉड से बच सकते हैं।

इस प्रकार इस बुक में 40 तरीको से हो रही धोखा धड़ी की बात सामने राखी हैं। पहले एटीएम कार्ड की क्लोनिंग, एटीएम में चिप या बूथ के अंदर कैमरा लगाकर फ्रॉड ज्यादा होते थे। आरबीआई की ओर से जारी पुस्तिका में अब फिशिंग लिंक, विशिंग कॉल, ऑनलाइन मार्केट प्लेस का प्रयोग, क्रेडिट कार्ड सालाना शुल्क में छूट के फर्जी ऑफर, एटीएम कार्ड स्किमिंग फ्रॉड, स्क्रीन शेयरिंग एप और रिमोट के जरिये हो रहे फ्रॉड की जानकारी दी गई है।

जिसमें सिम स्वाइप, सिम क्लोनिंग, क्रेडिट लिमिट, सर्च इंजन, क्यूआर कोड स्कैनिंग, सोशल मीडिया से इनफार्मेशन चुराकर, चार्जिंग केबल के माध्यम से डेटा की चोरी, लॉटरी धोखाधड़ी, ऑनलाइन जॉब फ्रॉड, नकली खाता संख्या और ई-मेल हैकिंग के द्धारा कई फ्रॉड किए जा रहे है। इसी प्रकार से मैसेज एप बैंकिंग फ्रॉड, चोरी के डाक्यूमेंट्स के साथ धोखाधड़ी लोन, सट्टेबाजी में बड़े लाभ का झांसा, नकली टीकाकरण कॉल, कोविड परीक्षण की नकली ऑनलाइन साइट, वसूली एजेंटों के बहाने धोखाधड़ी की जा रही है।

सामाजिक जन कल्याण योजना धोखाधड़ी, बहु स्तरीय विपणन घोटाले, वर्क फ्रॉम होम स्कैम, ऑनलाइन शॉपिंग धोखाधड़ी, सार्वजनिक वाई-फाई का प्रयोग कर जालसाज़ी, नकली विज्ञापन या प्रपोजल , फर्जी लोन ऑफर, क्रेडिट कार्ड एक्टिव धोखाधड़ी, क्रेडिट कार्ड की लिमिट बढ़ाने के नाम पर धोखाधड़ी, आधार कार्ड को सुरक्षित करने के नाम पर, कैशबैक ऑफर का उपयोग करके, छूट और चैरिटी के नाम पर धोखाधड़ी, एफडी पर ओवरड्रॉफ्ट का झांसा, अवैध तरीके से संचालित फाइनेंस एप, अत्यधिक ब्याज दरें और उत्पीड़न रणनीति, मर्चेंट आउटलेट्स पर कार्ड क्लोनिंग, शेयर किए गए विवरणों, परिवार या रिश्तेदार, भुगतान संबंध आवेदनों के जरिये धोखाधड़ी की जा रही हैं.