रायपुर : छत्तीसगढ़ में अयोध्या के श्री राम मंदिर निर्माण के चंदे को लेकर सत्तारूढ़ पार्टी कांग्रेस और मुख्य विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी आमने-सामने हो गई है. छत्तीसगढ़ की कांग्रेस सरकार में मंत्री और पार्टी के वरिष्ठ नेता टीएस सिंहदेव ने अयोध्या राम मंदिर निर्माण के लिए इकट्ठा हुए चंदे का हिसाब मांगा है. जवाब में भाजपा ने उन पर जोरदार पलटवार किया है.
हिसाब देने में परेशानी क्यों ?
छत्तीसगढ़ की भूपेश सरकार में स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंह देव ने कहा कि, ‘चंदे का पूरा हिसाब देश के सामने आना चाहिए. हिसाब मांगना गलत नहीं है. इस पर किसी तरह का विवाद नहीं होना चाहिए. किसी को भी हिसाब देने में क्या परेशानी है. पहले भी पारदर्शिता की मांग उठती रही है. चंदे के तौर पर एकत्रित हुए पैसे कहां खर्च हो रहे हैं. देश में सात लाख के आसपास गांव हैं, बताएं गांवों से कितना पैसा मिला और कितना राम मंदिर न्यास को दिया गया. हमारी सरकार भी मंदिर ट्रस्ट को सहयोग देगी.’
सिंह देव के साथ ही कांग्रेस प्रवक्ता सुशील आनंद शुक्ला ने भी इस मामले को लेकर भारतीय जनता पार्टी पर सवाल खड़ा किया है और उन्होंने भी भाजपा से चंदे का हिसाब मांगा है. साथ ही शुक्ला ने राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ पर भी निशाना साधा है. कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा है कि, ‘आरएसएस किस हैसियत से मंदिर के नाम पर चंदा एकत्रित करने जा रही है? उसे किसने चंदा एकत्रित करने के लिए अधिकृत किया है? भाजपा और आरएसएस के लोग बताएं कि मंदिर के नाम पर एकत्रित हजारों करोड़ रुपये कहां गए.’
भाजपा का पलटवार- पहले 101 करोड़ रु दो…
कांग्रेस जहां भारतीय जनता पार्टी से भगवान श्री राम के मंदिर निर्माण के लिए एकत्रित हुए चंदे का हिसाब मांग रही है तो वहीं भारतीय जनता पार्टी ने कांग्रेस पर जोरदार पलटवार करते हुए उससे ही 101 करोड़ रु की मांग कर दी है. पूर्व मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने कहा है कि जनता की नज़र में कांग्रेस रामभक्त नहीं है. छत्तीसगढ़ की कांग्रेस सरकार के आरोपों का जवाब देते हुए कहा कि सरकार चंदाखोरी का आरोप लगा रही है तो उसे सबसे पहले अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए 101 करोड़ रुपये का दान देना चाहिए.