संसद में विरोध: पूरा विपक्ष एक साथ, लेकिन तृणमूल कांग्रेस क्या खिचड़ी पका रहीं हैं?

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नयी दिल्ली। राज्यसभा से 12 सदस्यों के निष्कासन पर विपक्ष के सदस्यों ने निलम्बन वापस लिये जाने की मांग करते हुए राज्यसभा में आज भी हंगामा किया जिसके कारण सदन की कार्यवाही बाधित रहीं। और इसके बाद में दोनों सदनों में मौजूद विपक्ष के सांसदों ने कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी के नेतृत्व में संसदभवन परिसर में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की मूर्ति से विजय चौक तक मार्च किया।

सुबह से ही संगठित विपक्षी दलों के नेताओं ने शाम को कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के आवास पर भी बैठक की जिसमें निलम्बन वापस लेने की रणनीति पर विचार विमर्श किया गया।

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कांग्रेस सूत्रों ने बताया कि बैठक में तृणमूल कांग्रेस के अलावा लगभग सभी विपक्षी दलों के सदस्य मौजूद थे। तृणमूल कांग्रेस को बैठक में नहीं बुलाया गया था जबकि पार्टी की राज्यसभा सदस्य डोली सिहं ने दिन में संसद भवन परिसर से विजय चौक तक निलम्बन के विरोध में विपक्षी दलों के मार्च में हिस्सा लिया था।

खबर है कि बैठक में सभी सदस्य इस बात पर एकमत थे कि निलम्बित सदस्य माफी नहीं मांगेंगे। उनका कहना था कि जब कोई गलत काम ही नहीं किया है तो माफी किस बात के लिए मांगेंगे। कई नेताओं ने कहा कि सरकार ने गलत कदम उठाया है इसलिए उसे ही माफी मांगनी चाहिए। उनका कहना था कि सदस्यों को पहले के सत्र में किये गये व्यवहार के लिए इस सत्र में निलम्बित करना गलत है और इसके लिए सरकार माफी मांगे।

कांग्रेस अध्यक्ष गांधी के आवास पर हुई विपक्षी दलों के नेताओं की बैठक के बाद नेशनल कांफ्रेंस के फारूख अब्दुल्ला ने मिडीया से बात करते हुए कहा कि देश संकट में है और बैठक में इसी संकट से निपटने को लेकर चर्चा हुई। उनका कहना था कि विपक्षी दल मिलकर अपनी लड़ाई लड़ेंगे और देश को संकट से बाहर निकालेंगे। अब्दुल्ला से जब संसदीय कार्यमंत्री प्रह्लाद जोशी की उन्हें पाकिस्तान में रहने संबंधी टिप्पणी के बारे में पूछा गया तो नेशनल कांफ्रेंस के नेता ने कहा “जोशी को ही पाकिस्तान जाना चाहिए।”