इंदौर शहर में मंगलवार को हुई बारिश से शहर के अलग-अलग हिस्सों और चौराहों पर जलजमाव की स्थिति बन गई जिसके चलते लोगों की फजीहत हो गई। सबसे हैरत वाली बात यह रही कि झोनलों पर तैनात रहने वाली टीमें गायब थीं, इसलिए पानी निकासी के लिए मुख्यालय से टीमें भेजनी पड़ीं। कई कालोनियों में लोगों के घरों में भरा पानी निकालने के लिए परिवार के लोगो को घंटों परेशान होना पड़ा। बारिश के पहले ही झोनलों पर ऐसी समस्या ने निपटने के लिए टीमें बनाने को कहा गया था लेकिन चुनाव के चलते टीमें नादरद रही।
यह हाल इस बार की बारिश का नही है हर साल बारिश में एरोड्रम क्षेत्र हो या माणिकबाग या सैफीनगर, खातीवाला टैंक, वीर सावरकर नगर, गुरुनानक कालोनी सभी जगह घरों में पानी भराता है, वहां स्टार्म वाटर लाइन को ड्रेनेज लाइन से जोड़ दिया गया था और इसका खामियाजा यह होता है कि बारिश में जब लाइनें ओवरफ्लो होती है तो गंदा पानी घरों में घुसने लगता है। कल भी यही स्थिति करीब 50 से ज्यादा स्थानों पर ज्यादा गंभीर रही। इसके अलावा सौ से ज्यादा ऐसी जलजमाव की शिकायतें नगर निगम कंट्रोल रूम को मिली, जहां आधे स्थानों पर भी टीम नहीं भेजी गई। तेज बारिश और जलजमाव की सूचना के बाद निगमायुक्त प्रतिभा पाल खुद कंट्रोल रूम पहुंचीं और वहां से मानीटरिंग कर जलजमाव वाले क्षेत्रों में टीमें भेजती रहीं।
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दोपहर में हुई भारी बारिश के बाद कई मतदान केंद्रों की हालत खराब हो गई थी, जिसमें से 8 मतदान केंद्र तो प्रशासन ने ताबड़तोड़ बदल दिए। कुछ मतदान केंद्र जो सरकारी स्कूल में बनाए हैं, वहां बड़े-बड़े मैदान हैं, जहां कीचड़ पसरा है। प्रशासन ने वहां चूरी बिछाकर लोगों के लिए राह तो आसान की है, लेकिन बारिश का कोई भरोसा नहीं है। हालांकि आज सुबह से मौसम पूरी तरह से खुला हुआ है और सुबह 7 बजे से मतदान केंद्रों पर लाइनें लगना शुरू हो गई थीं। नियमित तौर पर मतदान चल रहा है। कल की बारिश को देखते हुए भाजपा और कांग्रेस के नेताओं में चिंता हो गई थी कि मतदान पर असर पड़ेगा।