प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत 8 मंजिला भवनों मे 1024 आवासीय इकाइयों के साथ मिलेगी पार्किंग की सुविधा

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आजादी के 75वे वर्षगांठ को अमृत महोत्सव में मनाते हुए भारत सरकार के आवास एवं शहरी मामलों मंत्रालय के ग्लोबल हाउसिंग टेक्नोलॉजी चौलेंज योजना के अंतर्गत एवं नगरीय विकास एवं आवास विभाग म.प्र. शासन से प्राप्त निर्देशों के क्रम में नवीन एवं उन्नत टेक्नोलॉजी के लाइट हाउस प्रोजेक्ट के माध्यम से लाइव प्रयोगशाला के रूप में प्लानिंग डिजाइनिंग कंस्ट्रक्शन मैटेरियल के उपयोग व निर्माण प्रथाओं और परीक्षण को बढ़ावा दिया जा रहा है। इसी श्रंखला में आयुक्त नगर पालिक निगम इंदौर से प्राप्त निर्देशानुसार लाइट हाउस प्रोजेक्ट के परियोजना सलाहकार जीआईजेड और बिल्डिंग मैटेरियल एंड टेक्नोलॉजी प्रमोशन काउंसिल (बीएमटीपीसी) के साथ साझेदारी में ‘रचना’ (लचीला, किफायती और आरामदायक आवास के माध्यम से किफायती आवास के लिए अभिनव निर्माण प्रौद्योगिकियों और थर्मल आराम पर दो दिवसीय कार्यशाला आयोजन इंदौर स्थित सरोवर पोर्टिको मैं किया जा रहा है।

प्रधानमंत्री आवास योजना अंतर्गत कार्यशाला के प्रथम सत्र मैं इंदौर नगर निगम की अपर आयुक्त भव्या मित्तल आईएएस ने संबोधित करते हुए प्रतिभागियों को नई नवीन निर्माण प्रौद्योगिकियों को अपनाने के लिए प्रोत्साहित किया और इस तरह के प्रौद्योगिकी के नवाचार पर अनुसंधान के तरीकों और दृष्टिकोण की पहचान करने का भी सुझाव दिया। कार्यशाला मे, महेश शर्मा, प्रधान मंत्री आवास योजना (पीएमएवाई), अधीक्षण यंत्री ने इस तकनीक की प्रतिकृति के बारे में बताया जहां उन्होंने राज्य स्तर और राष्ट्रीय स्तर पर इस तरह के तकनीकी उपयोग के माध्यम से निर्माण उद्योग में परवरिश क्रांति का उल्लेख किया। कार्यक्रम के द्वितीय सत्र पर क्लाइमेट स्मार्ट बिल्डिंग – सेंट्रल क्लस्टर सेल, लाइट हाउस प्रोजेक्ट्स, इंदौर ने तकनीकी विशेषज्ञों कौशल लोदया, निदेशक- सस्टेनेबल सर्विसेज और रामबाबू रघुवंशी, तकनीकी निदेशक- एसएबीएस एनर्जी एनवायरो प्राइवेट लिमिटेड के अनुभव सांझा किए गए।

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इस आयोजन के दौरान इंदौर नगर निगम, प्रधान मंत्री आवास योजना, स्मार्ट सिटी इंदौर, मध्य प्रदेश लोक निर्माण विभाग, मध्य प्रदेश हाउसिंग बोर्ड और सैन्य इंजीनियरिंग सेवाओं जैसे सरकारी विभागों के अधिकारियों ने इस कार्यक्रम में भाग लिया। कार्यशाला में एस जी एस आई टी एस के सविल डिपार्टमेंट के एचओडी एचके मैहर के साथ अन्य प्रोफेसरों एवं विद्यार्थियों ने भाग लिया। साथ ही निजी संस्थानों के हितधारकों जैसे आर्किटेक्ट्स, इंजीनियर्स, और एसएजीई विश्वविद्यालय के संकायों और अनुसंधान विद्वानों ने आयोजन के दौरान अपनी लाइट हाउस प्रोजेक्ट की नवीन टेक्नोलॉजी से निर्माण की जानकारी प्राप्त की। सभी प्रतिभागियों को ईपीएस पैनलों का उपयोग विधि, डेक स्लैब की कास्टिंग और नमूना फ्लैट को प्रदर्शित किया गया