एग्री अंकुरण संस्था, एग्रीकल्चर कालेज की ऑनलाइन मीटिंग सम्पन्न, आये कई प्रस्ताव और सुझाव

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इंदौर. मध्य प्रदेश के एग्रीकल्चर कालेजो की संस्था अंकुरण की ऑनलाइन मीटिंग संगठन के श्री राधे जाट एवं रणजीत जाट के को-ओर्डिनेशन में संपन्न हुई.
मीटिंग में खरगोन के अमित राणे जो की एक शिक्षाविद है ने सुझाव दिया की अंकुरण संस्था को आगे बढाने के लिए एक मजबूत संगठन की जरुरत है. शाजापुर के विष्णु गोठी ने सुझाव दिया की सभी जिलो में नेटवर्क को मजबूत बनाने की आवश्यकता है. जबलपुर के गोपी ने कहा की संगठन को तहसील लेवल पर ले जाने की आवश्यकता है . कु. पल्लवी ने कहा की नियमित मीटिंग के माध्यम से कृषि के मुद्दों पर कार्य किया जा सकता हु.
सारंगपुर मूल के नीरज राठौर ने सुझाव दिया की हर जिले में जिला प्रभारी बनाया जाए एवं संगठन की सदस्यता शुल्क 500 रु. वार्षिक रखा जावे.
जबलपुर के धर्मेन्द्र राजपूत ने सुझाव दिया की 2 ग्रुप बने, एक वर्तमान स्टूडेंट का एवं एक भूतपूर्व स्टूडेंट्स का.
नितिन शर्मा ने सुझाव दिया की संगठन में जिलेवार समितिया बनाई जावे.
विदिशा मूल के संजय शर्मा ने सुझाव दिया की जो व्यक्ति संगठन में जैसा सहयोग कर सके वैसा सहयोग ले लिया जावे यदि कोई व्यक्ति धन का सहयोग करे तो धन एवं कोई समय देना चाहे तो समय.
टीकमगढ़ मूल के जगदीश कुर्मी ने सुझाव दिया की एग्रीकल्चर को फोकस कटे हुए हम नियमित मीटिंग रखे एवं सारे मुद्दों का रचनात्मक हल खोजे.
इंदौर के राजेश सोनी ने सुझाव दिया की सीनियर को वर्ष में एक बार कालेज बुलाया जावे. ताकि जूनियर को मार्गदर्शन मिले.
सौरभ शर्मा ने सुझाव दिया की समस्त कान्टेक्ट का एक डाटाबेस बनावे.
सारण ने सुझाव दिया की हर रविवार एक्टिविटी के बहाने हम साथ आ सकते है.
विजय पाटीदार ने कहा कि, ओल्ड एवं न्यू स्टूडेंट्स को एक मंच पर लाया जावे. अगला कार्यक्रम 6 दिसंबर को ऑनलाइन होना प्रस्तावित है. कार्यक्रम के अंत में 25 दिसंबर को भोपाल में एक बड़ी मीटिंग एवं पत्रकार वार्ता करने का प्रस्ताव पारित किया गया.