मेयर और पार्षद के लिए उम्र का कोई बंधन नहीं

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इंदौर, राजेश राठौर। भाजपा हाईकमान ने तय किया है कि फिलहाल मेयर और पार्षद के चुनाव में उम्र का बंधन नहीं रहेगा। इसका मतलब यह भी नहीं है कि 70-75 की आयु वालों को टिकट मिल जाएगा। सिर्फ परिवारवाद भाजपा में नहीं चलेगा। राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा की मौजूदगी में स्थानीय चुनाव में उम्र का बंधन लागू न करने की बात कही गई है। प्रदेश अध्यक्ष बीडी शर्मा, संगठन महामंत्री हितानंद के सामने यह बात स्पष्ट हो गई कि सांसदों के लिए जो उम्र का प्रतिबंध लगा दिया है। वह स्थानीय चुनाव में लागू नहीं होगा।

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मेयर और पार्षद का टिकट योग्यता के आधार पर मिलेगा। यह बात भी सही है कि 70 की उम्र पार कर चुके नेताओं को मेयर और पार्षद का टिकट भी नहीं मिलेगा। इसके अलावा परिवारवाद बिल्कुल नहीं चलेगा। अब किसी भी नेता की पत्नी, बहन या भाई को टिकट नहीं मिलेगा। पहले पार्षद अपना वार्ड बदल जाने के कारण पत्नी या बहन को चुनाव लड़ा देते थे। अब ऐसा नहीं हो पाएगा। पार्टी कार्यकर्ताओं को टिकट दिए जाएंगे, जो बूथ स्तर पर अभी तक काम करते रहे। इसके अलावा पार्टी के साथ काम करने वाले वकील, इंजीनियर, प्रोफेसर और और डॉक्टर जैसे बुद्धिजीवियों को टिकट मिलेंगे।

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समाज में काम करने वाले कार्यकर्ताओं को भी टिकट मिलने की संभावना बढ़ गई है। इसके साथ ही मेयर का चुनाव भी भाजपा इंदौर और जबलपुर में किसी बुद्धिजीवी को लडा सकती है। यह दोनों शहर भाजपा के लिए सबसे ज्यादा फायदेमंद बताए जा रहे हैं। पार्षदों के टिकट संभागीय कमेटी तय कर देगी। जहां ज्यादा विवाद होगा ऐसे पांच दस टिकट जरूर भोपाल से तय होंगे। मेयर प्रत्याशी का फैसला प्रदेश चुनाव समिति करेगी।

राष्ट्रीय नेता कोई नहीं आएगा

स्थानीय चुनाव में प्रचार करने के लिए भाजपा का कोई भी राष्ट्रीय नेता प्रचार करने नहीं आएगा। प्रादेशिक नेता ही हर शहर में जाकर संभा लेंगे। सोशल मीडिया का भाजपा ज्यादा से ज्यादा फायदा उठाएगी। इसके अलावा समाज के लोगों को पार्टी से जोड़ने के लिए अलग-अलग समाज के पदाधिकारियों को भी भाजपा पार्षद का चुनाव लड़ा सकती है।

विधायकों को नहीं मिलेगा मेयर का टिकट

प्रदेश भाजपा ने यह तय कर लिया है कि प्रदेश में कहीं भी किसी भी विधायक को मेयर का टिकट नहीं दिया जाएगा।विधायकों को अभी से विधानसभा चुनाव की तैयारी करने के लिए कहा गया है।इसलिए सभी विधायकों को अपने इलाके में ज्यादा से ज्यादा पार्षद जिता कर लाना है।