शारदीय नवरात्रि का आज 6 वा दिन है। नवरात्रि के नो दिनों में माता के नौ स्वरूपों की पूजा की जाती है। ये नवरात्रि 10 दिन का पावन पर्व होता है। ऐसे में भक्त नौ दिन तक मां की पूजा आराधना करते हैं। वहीं इन नौ दिन में सबसे महत्वपूर्ण अष्टमी और नवमी तिथि होती है। इस दौरान भक्त देवी शक्ति व मां दुर्गा के समस्त नौ रूपों की आराधना कर, उनकी असीम कृपा प्राप्त करते हैं।
शारदीय नवरात्रि और इन 9 दिन माता के 9 स्वरूपों की आराधना की जाएगी। वहीं हर वर्ष अश्विन मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से आरंभ होता है, जो नवमी तक चलता है। इस बार अष्टमी 23 अक्टूबर की सुबह 06:58:53 बजे से 24 की सुबह 07:01:02 बजे तक है। वहीं नवमी 24 अक्टूबर को 07:01:02 बजे से शुरू होकर 25 अक्टूबर 07:44:04 बजे तक रहेगी। आज हम आपको अष्टमी और नवमी तिथि का महत्त्व और पूजा का महत्व बताने जा रहे हैं।
आपको बता दे, अष्टमी और नवमी पर देवी महागौरी और नवमी तिथि मां दुर्गा के सिद्धिदात्री स्वरूप को समर्पित होती है। इस दिन पूजा करने का काफी ज्यादा महत्व माना गया है। दरअसल, हिन्दू धर्म के कई समुदाए अपनी कुल परंपरा के अनुसार अष्टमी और नवमी तिथि के दिन ही कन्या पूजन करते हैं। इसी के साथ सभी मांगलिक कार्यक्रम की भी शुरुआत शुभ मानी जाती है। इस बार नवमी 24 अक्टूबर को है जिसमें उत्तम संयोग बन रहा है। इस संयोग को त्रिलोकों में दुर्लभ बताया है।
पूजा का शुभ मुहूर्त –
आपको बता दे, पंचांग के अनुसार इस साल 2020 में जहां शारदीय नवरात्रि की अष्टमी तिथि 23 अक्टूबर को 6:58 के बाद से ही प्रारम्भ होगी वो अगले दिन 24 अक्टूबर को 07:01 पर तक रहेगी। इसके बाद नवमी तिथि का आरंभ होगा जो कि 24 अक्टूबर को 07:01 बजे से होगी और 25 अक्टूबर को 07:44:04 बजे तक रहेगी।
अष्टमी पूजन मुहूर्त –
अक्टूबर 23- 06:58:53 से आरम्भ
अक्टूबर 24- 07:01:02 पर समाप्त
नवमी पूजन मुहूर्त –
अक्टूबर 24- 07:01:02 से आरम्भ
अक्टूबर 25- 07:44:04 पर समाप्त
शारदीय नवरात्रि पारण मुहूर्त-
25 अक्टूबर – सुबह 07:44:04 के बाद से