राक्षसों के नाम पर बसे भारत के ये 4 शहर, जानें इतिहास की अनोखी कहानी

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By Sudhanshu TiwariPublished On: May 9, 2025
These 4 Indian Cities Are Named After Demons

These 4 Indian Cities Are Named After Demons: भारत की संस्कृति और इतिहास में पौराणिक कथाओं का विशेष स्थान है। कई शहरों के नाम देवी-देवताओं या महान राजाओं के नाम पर रखे गए हैं, लेकिन कुछ शहर ऐसे भी हैं, जिनका नाम राक्षसों से जुड़ा है। ये शहर अपनी अनोखी कहानियों और ऐतिहासिक महत्व के लिए जाने जाते हैं। आइए, चार ऐसे शहरों के बारे में जानते हैं, जिनका नाम राक्षसों के नाम पर पड़ा और उनके पीछे की कहानियां क्या हैं।

मैसूर: महिषासुर का शहर

कर्नाटक का मैसूर शहर अपनी खूबसूरती और संस्कृति के लिए मशहूर है। इसका नाम राक्षस महिषासुर से आया, जिसका उल्लेख पौराणिक कथाओं में मिलता है। महिषासुर ने चामुंडेश्वरी पहाड़ी पर तपस्या की थी, लेकिन अपने अत्याचारों के कारण माता चामुंडेश्वरी ने उसका वध किया। पहले इसे ‘महिषा-ऊरु’ कहा जाता था, जो समय के साथ ‘मैसूर’ बन गया। आज मैसूर में महिषासुर की विशाल प्रतिमा पर्यटकों का ध्यान खींचती है।

जालंधर: राक्षस की राजधानी

पंजाब का जालंधर शहर राक्षस जलंधर के नाम पर बसा है। पौराणिक कथाओं के अनुसार, जलंधर शिव का पुत्र था, लेकिन उसने देवताओं के खिलाफ युद्ध छेड़ दिया। उसकी पत्नी वृंदा के सतीत्व के कारण वह अजेय था। भगवान विष्णु ने छल से वृंदा का सतीत्व भंग किया, जिसके बाद जलंधर का वध हुआ। इस शहर को पहले जलंधर की राजधानी माना जाता था, और आज यह पंजाब का एक प्रमुख शहर है।

तिरुचिरापल्ली: थिरिसिरन की तपोभूमि

तमिलनाडु का तिरुचिरापल्ली, जिसे ‘त्रिची’ भी कहते हैं, राक्षस थिरिसिरन के नाम पर बसा है। कथाओं के अनुसार, थिरिसिरन ने कावेरी नदी के किनारे भगवान शिव की तपस्या की थी। उसकी तपस्या से प्रसन्न होकर शिव ने उसे आशीर्वाद दिया। पहले यह शहर ‘थिरि-सिकरपुरम’ कहलाता था, जो बाद में तिरुचिरापल्ली बन गया। यह शहर अपने श्री रंगनाथस्वामी मंदिर के लिए भी प्रसिद्ध है।

गया: गयासुर की पवित्र भूमि

बिहार का गया शहर गयासुर राक्षस के नाम पर है, जो बौद्ध और हिंदू धर्म में महत्वपूर्ण है। कथाओं के अनुसार, गयासुर को भगवान ब्रह्मा से वरदान मिला था कि उसे छूने वाला पापमुक्त हो जाएगा। इससे राक्षस स्वर्ग पहुंचने लगे। भगवान विष्णु ने यज्ञ के लिए गयासुर का शरीर मांगा, और उसने देहदान कर मोक्ष प्राप्त किया। गया आज पिंडदान और बौद्ध तीर्थ के लिए जाना जाता है।

इतिहास और संस्कृति का मेल

ये चारों शहर न केवल अपने राक्षसी नामों के लिए बल्कि ऐतिहासिक और सांस्कृतिक धरोहर के लिए भी मशहूर हैं। मैसूर का दशहरा, जालंधर का व्यापार, त्रिची के मंदिर और गया का आध्यात्मिक महत्व इन्हें खास बनाता है। इन शहरों की कहानियां हमें पौराणिक कथाओं और आधुनिक भारत के अनोखे मेल की याद दिलाती हैं।