Naraka Chaturdashi 2021: आज देशभर में नरक चतुर्दशी मनाई जाएगी। बता दें यह दिवाली उत्सव का दूसरा दिन है। इसे रूप चतुर्दशी, छोटी दीपावली के नाम से भी जाना जाता है। नरक शब्द पौराणिक कथाओं में वर्णित दैत्य राजा नरकासुर से संबंधित है और चतुर्दशी का अर्थ है चौदहवां दिन। इस दिन यम देवता के निमित्त तर्पण और दीपदान का भी विधान है। आइए जानते है शुभ मुहूर्त और पूजा विधि।
अमृत काल– सुबह 1 बजकर 55 मिनट से लेकर 4 नवंबर सुबह 3 बजकर 22 मिनट तक।
ब्रह्म मुहूर्त– सुबह 5 बजकर 2 मिनट से 5 बजकर 50 मिनट तक।
विजय मुहूर्त – दोपहर 1 बजकर 33 मिनट से 2 बजकर 17 मिनट तक।
गोधूलि मुहूर्त- शाम 5 बजकर 5 मिनट से 5 बजकर 29 मिनट तक।
सायाह्न संध्या मुहूर्त- शाम 5 बजकर 16 मिनट से 6 बजकर 33 मिनट तक।
निशिता मुहूर्त- रात 11 बजकर 16 मिनट से 12 बजकर 7 मिनट तक।
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बता दें नरक चतुर्दशी के दिन लोग भगवान कृष्ण, काली माता, यम और हनुमान जी की पूजा करते हैं। मानता है कि इससे आत्मा की शुद्धि होती है और पूर्व में किए गए पापों का नाश होता है। इसके साथ ही नरक में जाने से भी मुक्ति मिलती है। कुछ स्थानों पर छोटी दिवाली के मौके पर नरकासुर का पुतला दहन किया जात है। यह देश के विभिन्न इलाकों में मनाया जाता है।