अशोक नगर की भटौती पंचायत में सरपंच के निर्विरोध निर्वाचन के लिए 44 लाख रुपये की बोली(bid for 44 lakh rupees to become sarpanch unopposed) लगाए जाने और शिवपुरी की कोलारस तहसील के इमलावदी गांव में भी इसी तरह निर्विरोध निर्वाचन की घटना सामने आने पर राज्य निर्वाचन आयोग ने दो ज़िलों के कलेक्टरों को नोटिस जारी कर दिया हैं और स्पष्टीकरण भी मांगा है।
बीएस जामोद, जो कि राज्य निर्वाचन आयोग के सचिव हैं ने बताया कि चुनाव की प्रक्रिया निर्धारित है। इसके अलावा लोकतांत्रिक प्रक्रिया को छोड़कर किसी अन्य तरीके से निर्वाचन क़ानूनी अपराध की श्रेणी में आता है। और आचार संहिता का पालन करना सबके लिए जरूरी है। किसी के भीं चुनाव लड़ने के अधिकार का हनन नहीं किया जा सकता है।
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राज्य निर्वाचन आयोग का कहना हैं कि बोली लगाकर या बड़ा चंदा देकर निर्विरोध निर्वाचन की लोकतंत्र में अनुमति नहीं है। अगर ऐसी कोई भी घटना सामने आती हैं तो आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन के तहत कार्रवाई की जायेगी।
आपको बता दे कि आचार संहिता में ये स्पष्ट प्रावधान है कि मतदाताओं को किसी भी प्रकार से प्रभावित करने के लिए निजी राशि से सामाजिक, सांस्कृतिक या धार्मिक प्रयोजन से कोई निर्माण या कार्यक्रम की घोषणा नहीं की जा सकती हैं। इसी के साथ राज्य निर्वाचन आयोग ने सभी कलेक्टरों को निर्देश दिए हैं कि आचार संहिता का दृढ़ता से पालन कराया जाए।