आयुर्वेद की शिक्षा में बढ़ावा
मंत्री परमार ने कहा कि नए महाविद्यालयों और चिकित्सालयों की स्थापना से आयुष चिकित्सा के अध्ययन में वृद्धि होगी। इससे विद्यार्थियों को आयुर्वेदिक चिकित्सा पद्धति का अध्ययन करने में आसानी होगी और नागरिकों को भी बेहतर आयुष चिकित्सा सेवाएं मिल सकेंगी।
वित्तीय समर्थन
प्रत्येक महाविद्यालय के लिए लगभग 70 करोड़ रुपए की राशि स्वीकृत की गई है, जिससे कुल 350 करोड़ रुपए का बजट नए आयुर्वेद महाविद्यालयों की स्थापना के लिए निर्धारित किया गया है। इन महाविद्यालयों की स्थापना सागर, शहडोल, बालाघाट, नर्मदापुरम और मुरैना जिलों में होगी, जिससे प्रदेश के सभी संभागों में शासकीय आयुर्वेद महाविद्यालय स्थापित हो जाएंगे।
विशेष जनजातीय क्षेत्रों पर ध्यान
बालाघाट में शासकीय आयुर्वेद महाविद्यालय की स्थापना से छात्र-छात्राओं को औषधीय वनस्पतियों पर आधारित अध्ययन और शोध का अवसर मिलेगा। इस क्षेत्र में प्रचलित आयुर्वेद चिकित्सा पद्धतियों पर भी अनुसंधान को बढ़ावा मिलेगा।
आयुष चिकित्सालयों के लिए भी वित्तीय सहायता
आयुष मंत्री ने बताया कि आयुष चिकित्सा सुविधाओं को जन-जन तक पहुँचाने और औषधीय वनस्पतियों की खेती को बढ़ावा देने के उद्देश्य से, शुजालपुर और श्योपुर में 50-बिस्तरीय आयुष चिकित्सालयों की स्थापना के लिए लगभग 15 करोड़ रुपए की राशि स्वीकृत की गई है।
इस प्रकार, मध्यप्रदेश में आयुष स्वास्थ्य सेवाओं का यह विस्तार प्रदेश के नागरिकों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएँ प्रदान करने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है।