Maharishi Narada विश्व के पहले पत्रकार माने जाते है

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आद्य संवाददाता महर्षि नारद (Maharishi Narada) जी की जयंती के मौके पर एसजीएसआयटीएस (SGSITS) के गोल्डन जुबली (Golden Jubilee) सभागार में “पत्रकारिता के सर्वकालिक इतिहास के पुनर्लेखन” विषय पर चर्चा आयोजित की गई थी। जिसमे मानसिंह परमार (Mansingh Parmar) ने उच्च पत्रकार रमण रावल (Raman Rawal) से बात की।

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इस चर्चा में भगवान नारद जी के पात्र को एक साजिश के ज़रिए अंधकारमय करने की बात सामने आई है, नारद जी इस पुरे विश्व के पहले पत्रकार थे। उन्होंने जो भी बातें कही है उससे आज भी समाज को सही राह मिलती है। कुछ संवादों में नारद जी का चरित्र झगड़ा करवाने वाला बताया है, जिमसे झूठ और साजिश शामिल है। पहली नज़र का जो संवाद था वो स्वादहीनता फैलाने वाला लगा था लेकिन आखिरकार वही संवाद समाज के लिए उपयोगमयी साबित हुआ है।

इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि, क्रिकेट के जाने-माने हिंदी कमेंटेटर पदमश्री सुशिल दोशी ने कहा कि आज के समय में हम अपनी ही संस्कृति और परम्पराओं के लिए असावधान है। बल्कि हमे तो अपनी संस्कृति और परम्पराओं के ऊपर गर्व होना चाहिए। आगे उन्होंने कहा कि कहीं न कहीं तो आज के समय में पत्रकारिता का महत्व निचे आ गया है।

उच्च पत्रकार रमण रावल ने कहा कि महर्षि नारद भगवान पुरे विश्व के सबसे पहले पत्रकार थे। वे सार्वजनिक हित की बातों के मार्गदर्शक थे। महर्षि नारद एक ऐसा नाम है जो हमेशा प्रोत्साहित करता है। आज के समय के पत्रकारों को यही राय देते है कि स्वाध्याय ज़रूर करना चाहिए, इससे वह अपनी बात पुरे सही तरीके से रख सकेंगे।

कार्यक्रम के समाप्त होने पर मालवा के अध्यक्ष दिनेश गुप्ता ने वहा बैठे सभी लोगों का आभार व्यक्त किया। कार्यक्रम मानसी पांडेय के वन्दे मातरम से हुआ। कार्यक्रम का संचालन प्रथमेश व्यास द्वारा हुआ।

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