Maa Lakshmi Lord Vishnu Katha: क्यों करती हैं मां लक्ष्मी भगवान विष्णु के पावन चरणों की सेवा, जानिए इसका पूरा रहस्य

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आज हम बात करने जा रहे हैं ऐसे रोचक तथ्य की जिसके बारे में जानने और सुनने के लिए हर व्यक्ति उत्त्साही होगा। जैसा की आपने देखा हैं कि हमेशा धार्मिक चित्रों में ऐसा देखा जाता है कि मां लक्ष्मी भगवान श्री हरि विष्णु जी के पावन चरणों के समीप बैठ कर सदैव उनकी सेवा में लीन रहती हैं। किन्तु क्या आपने कभी ऐसा सोचा है कि क्यों धन की देवी होने के पश्चात भी मां लक्ष्मी भगवान विष्णु जी के पावन चरणों के समीप बैठ कर क्यों सेवा करती हैं?

तो चलिए आज हम बात करेंगे इस रोचक तथ्य के बारे में

हिंदू धर्म में मां लक्ष्मी को धन की देवी माना जाता है। मां लक्ष्मी की ही कृपा से मनुष्य को जीवन में धन-धान्य की प्राप्ति होती है। मां लक्ष्मी विष्णु प्रिया भी हैं। यही कारण है कि माता लक्ष्मी अक्सर भगवान विष्णु के संग वैकुण्ठ धाम में विराजती हैं। भगवान विष्णु और धन की देवी लक्ष्मी दोनों एक दूजे के पूरक हैं। एक तरफ श्री हरि विष्णु को ब्रह्मांड का पालनहार माना जाता है, तो वहीं देवी लक्ष्मी को ब्रह्मांड का संचालक। हिंदू पौराणिक मान्यता है कि जिस भी मनुष्य पर भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की दया होती है, उसे पृथ्वी पर संपूर्ण सुखों की प्राप्ति होती है। हमेशा धार्मिक चित्रों में देखा जाता है कि मां लक्ष्मी विष्णु जी के चरणों के समीप बैठ कर उनके चरणों की सेवा करती हैं। मगर क्या आपने कभी ऐसा सोचा है कि धन की देवी होने के बाद भी आखिर क्यों मां लक्ष्मी श्री हरि विष्णु जी चरणों की सेवा करते हैं.

हिन्दू पौराणिक मान्यताओं के मुताबिक ऐसा कहा जाता है कि एक बार देवर्षि नारद मां लक्ष्मी और भगवान श्री हरि विष्णु के मुलाक़ात के लिए वहां पहुंचें। भगवान विष्णु योग निद्रा में थे तो नारद जी ने इंतज़ार करना ही उचित समझा। तभी नारद जी ने देखा कि मां लक्ष्मी को भगवान विष्णु के चरणों के पास बैठी हैं। ये देख नारद जी के मन में ये प्रश्न उठा कि आखिर माता सदैव श्री हरि के पावन चरणों के समीप ही क्यों बैठती हैं। अपने इस सवाल से परेशान नारद जी स्वयं को रोक न सके और मां लक्ष्मी से नारद जी ने आखिरकार ये प्रश्न पूछ ही लिया।

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तब नारद जी के प्रश्नों का उत्तर देते हुए मां धन लक्ष्मी ने बताया कि नारी के हाथ में देव गुरु बृहस्पति का वास होता है और पुरुषों के पैर में दैत्य गुरु शुक्रचार्य का। ऐसे में जब मां लक्ष्मी श्री हरि विष्णु के पावन चरणों के समीप बैठती हैं, तो इससे शुभता का संचार होता है और धन का आगमन भी। यही कारण है कि मां लक्ष्मी न केवल भगवान श्री हरि विष्णु के पावन चरणों के समीप विराजती हैं, बल्कि भगवान विष्णु के पावन चरण भी दबाती हैं और जब एक नारी पुरुष के चरण स्पर्श करती है तो देव व दानव का स्पर्श होता है और इससे धन लाभ होता है।

DECLAIMER – इस खबर में लिखी/बताई गई सूचनाएं और जानकारी सामान्य मान्यताओं पर आधारित हैं. Ghamasan.com किसी भी तरह की पुष्टि नहीं करता है.