Kolkata Rape Murder Case: टूटे बाल, खून के धब्बे, DNA टेस्ट… जानें CBI की चार्जशीट में संजय रॉय के खिलाफ क्या-क्या?

Meghraj
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Kolkata Rape Murder Case: कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल में हुई एक लेडी डॉक्टर की रेप और हत्या के मामले में सीबीआई ने 58 दिन बाद चार्जशीट दाखिल की है। इस चार्जशीट में संजय रॉय, एक सिविक वॉलंटियर, को मुख्य आरोपी बताया गया है। यदि संजय रॉय पर लगे आरोप साबित हो जाते हैं, तो उसे आजीवन कारावास या मृत्युदंड का सामना करना पड़ सकता है। हालांकि, संजय रॉय ने अपने खिलाफ आरोपों से इनकार किया है।

सबूतों का पुख्ता आधार

सीबीआई द्वारा दायर चार्जशीट में 11 प्रमुख सबूत पेश किए गए हैं, जिसमें पीड़िता के शरीर पर संजय रॉय का रक्त और छोटे बाल मिले हैं। इन सबूतों की पुष्टि डीएनए टेस्ट से हुई है। इसके अलावा, सीसीटीवी फुटेज, संजय के मोबाइल लोकेशन और कॉल डिटेल का भी उल्लेख किया गया है। पीड़िता ने संजय रॉय का विरोध किया था, जिसके चलते संजय के शरीर पर चोट के निशान भी पाए गए हैं।

गंभीर धाराएं और सजा का संभावित दायरा

सीबीआई ने भारतीय दंड संहिता की धारा 64 (बलात्कार) और 103 (1) (हत्या) के तहत एफआईआर दर्ज की है। चार्जशीट में बलात्कार के दौरान हत्या करने के लिए धारा 66 भी जोड़ी गई है। यदि ये आरोप सिद्ध होते हैं, तो आरोपी को 20 वर्ष की कैद या मृत्युदंड दिया जा सकता है।

चार्जशीट की सामग्री

सीबीआई ने 213 पेज की चार्जशीट दायर की है, जिसमें 200 गवाहों का उल्लेख किया गया है। चार्जशीट के अनुसार, हत्या और बलात्कार के मामले में संजय रॉय के अलावा किसी और की संलिप्तता नहीं है। सीबीआई ने यह भी बताया कि आरोपी नशे में था और उसकी विकृत यौन रुझान और मानसिक विकार का भी जिक्र किया गया है।

आरोपी का बयान

संजय रॉय ने कोर्ट में खड़े होकर कहा, “मुझे घटना के बारे में कुछ भी पता नहीं है।” सीबीआई के वकील ने अगली सुनवाई को इन-कैमरा (निजी तौर पर) करने की मांग की है, जबकि आरोपी के वकील ने चार्जशीट में शामिल कई तस्वीरों को अब तक प्राप्त न करने की बात कही है।

हत्या की घटना का विवरण

डॉक्टर का शव 9 अगस्त को आरजी कर अस्पताल के आपातकालीन विभाग के सेमिनार कक्ष में पाया गया था। उस रात कोलकाता पुलिस ने संजय रॉय को गिरफ्तार किया था। कोर्ट की अनुमति से संजय का पॉलीग्राफ टेस्ट कराया गया था, लेकिन सीबीआई ने नार्को टेस्ट की योजना बनाई, जिसे आरोपी ने अस्वीकार कर दिया।

जांच में सहयोग का मुद्दा

जांच के दौरान संजय रॉय पर सहयोग न करने के आरोप लगे हैं। कोलकाता पुलिस के एक वर्ग ने यह भी कहा कि आरोपियों में पश्चाताप की कोई भावना नहीं थी। इस बार संजय रॉय ने कोर्ट में फिर से यही कहा कि उसे कुछ भी पता नहीं है।

यह मामला न केवल एक जघन्य अपराध को उजागर करता है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि न्याय प्रणाली में आरोपियों के खिलाफ ठोस सबूतों की जरूरत होती है। सीबीआई की चार्जशीट ने इस मामले में आगे की कानूनी प्रक्रिया को गति दी है, और अब न्याय की उम्मीदें भारतीय न्यायालयों पर टिकी हैं।