Indore News: फ़र्ज़ी एडवाइजरी कंपनी पर देर रात बड़ी कार्रवाई, धोखाधड़ी करने वालों पर FIR दर्ज

Suruchi
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इंदौर(Indore News): कलेक्टर एवं जिला दंडाधिकारी मनीष सिंह ने कड़े शब्दों में चेतावनी दी है कि अवैधानिक रूप से इन्वेस्टमेंट के लिए चलायी जा रही फाइनेंशियल एडवाइजरी कंपनियों पर प्रशासन कड़ी कार्रवाई करेगा। कलेक्टर  सिंह के निर्देश पर एडिशनल एसपी  राजेश रघुवंशी तथा एसडीएम अंशुल खरे की अगुवाई में प्रशासन और पुलिस की संयुक्त टीम ने कल देर रात ऐसे ही धोखाधड़ी के एक प्रकरण में छापामार कार्रवाई की और आरोपियों के विरुद्ध एफ़आइआर दर्ज कर गिरफ्तारी की कार्रवाई संपन्न कराई गई।

उल्लेखनीय है कि विगत दिवस इंदौर के टेलीफोन नगर निवासी 66 वर्षीय वृद्ध एवं सेवानिवृत्त शासकीय कर्मचारी द्वारा कलेक्टर मनीष सिंह को दी गई लिखित शिकायत में बताया गया था कि इंदौर की कार्वीस्टॉक ब्रोकिंग कंपनी को चला रहे अनरजिस्टर्ड इन्वेस्टमेंट सलाहकार पंकज पांचाल एवं शुभम भावसार द्वारा उनके साथ स्टॉक मार्केट में इन्वेस्टमेंट के नाम पर कूट रचित तरीके से लगभग 25 लाख रुपए की धोखाधड़ी की गई है। कलेक्टर  सिंह के निर्देशन में एसडीएम अंशुल खरे द्वारा उक्त प्रकरण की जांच की गई। जिसमें पाया गया कि पंकज पांचाल एवं शुभम भावसार अनैतिक रूप से लाखों रुपए की धोखाधड़ी का कार्य कर रहे हैं।

उक्त दोनों आरोपी सेबी(SEBI) में रजिस्टर्ड नहीं है ना ही उनके द्वारा सेबी(SEBI) द्वारा निर्धारित किए गए मापदंडों का पालन किया जा रहा है। दोनों आरोपियों ने पीड़ित के साथ जालसाजी करके उनकी सेवानिवृत्ति पर प्राप्त धन को दुगना करने का झांसा देकर पैसे की धोखाधड़ी की। पीड़ित का डीमैट अकाउंट खुलवा कर खुद ही उसे ऑपरेट किया जो कि नियमों के विरुद्ध है। सेबी(SEBI) की पकड़ से बचने के लिए आरोपियों द्वारा वेबसाइट का निर्माण ना करते हुए व्यक्तिगत रूप से निवेशकों को ढूंढ के निवेशकों के साथ ठगी की जा रही है।

जांच में पाए गए इन तथ्यों को दृष्टिगत रखते हुए एएसपी राजेश रघुवंशी एवं एसडीएम अंशुल खरे द्वारा कल देर रात उक्त दोनों आरोपियों को पकड़कर उनके विरुद्ध कनाडिया थाने में भारतीय दंड संहिता की धारा 420 एवं 409 के तहत एफआईआर दर्ज कराई गई। कलेक्टर मनीष सिंह ने समस्त जिले वासियों से अपील की है कि किसी भी अनरजिस्टर्ड इन्वेस्टमेंट सलाहकार के झांसे में ना आए। इन्वेस्टमेंट सलाहकार का सेबी(SEBI) में रजिस्टर्ड होना अनिवार्य है।

साथ ही सेबी(SEBI) द्वारा निर्धारित किए गए मापदंडों के अनुरूप कस्टमर की फाइल संधारण करना, कर्मचारियों का केवाईसी, रिस्क एसेसमेंट एवं सूटेबिलिटी एसेसमेंट जैसी घटकों का पालन करना आवश्यक है। यदि किसी भी व्यक्ति द्वारा खुद को बिना किसी प्रमाण पत्र या रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट के फाइनेंसियल इंटरमीडियरी बताया जाता है तो उस पर विश्वास ना करें और तत्काल इसकी सूचना पुलिस को दें। कलेक्टर सिंह ने जिले में अवैधानिक रूप से कार्य कर रहे अनरजिस्टर्ड इन्वेस्टमेंट सलाहकारों के विरुद्ध सतत रूप से अभियान चलाकर सख्त कार्रवाई करने के भी निर्देश दिए हैं।