कलेक्टर व निगम आयुक्त ने ली समीक्षा बैठक, ट्रिटेड वाॅटर किसानों को कराएंगे उपलब्ध

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इन्दौर : कलेक्टर मनीष सिंह एवं आयुक्त प्रतिभा पाल द्वारा कबीट खेडी एस.टी.पी. प्लाट से ट्रिटेड किया जा रहा पानी किसानों को उपलब्ध कराने के संबंध में समीक्षा बैठक सिटी बस आफिस में की गई। उक्त बैठक में अपर आयुक्त संदीप सोनी, सांवेर, इन्दौर के तहसीलदार, राजस्व निरीक्षण, पटवारी, कृषि विस्तार अधिकारी, सामूहिक उद्यानिकी विभाग के अधिकारी, अधीक्षण यंत्री अशोक राठौर, कार्यपालन यंत्री संजीव श्रीवास्तव आदि उपस्थित थें।

विदित हो कि, कबीट खेडी मे 245 एम.एल.डी. का सीवेज ट्रिटमेन्ट प्लान्ट (एस.टी.पी.) से निकलने वाला ट्रिटेड वाॅटर किसानों को कृषि कार्य के उपयोग हेतु दिया जाना है। जिसके अन्तर्गत प्रथम चरण मैं सांवेर तहसील के छः गांव भानगढ, जांखिया, भांगिया, शक्कर खेडी, रामपिपल्या एवं बारोली गांव के किसान कोे पाईप लाईन के माध्यम से ट्रिटेड वाॅटर उपलब्ध कराया जावेगा। उक्त छः गांव के लगभग 400 किसानों की अनुमानित लगभग 1950 हेक्टेयर भूमि सिंचित होकर उन्हे इसका लाभ मिल सकेगा। अभी तक ग्रामवासी बोरिंग व कुंओं आदि के माध्यम से सिंचाई कर रहे थे जिससे भूजल का दोहन होता था तथा प्रायः माह मई जून में बोरिंग सूखने के कारण सिंचाई के अभाव में किसानों की फसलें भी प्रभावित होती थी, जिससे किसानों को आर्थिक नुकसान उठाना पड़ता था। एस.टी.पी. का ट्रिटेड वाॅटर का पी.एच. नार्मल पानी के जैसा होगा। यह पानी सामान्य नदी के बी.ओ.डी (बायो लॉजिकल आक्सीजन डिमाण्ड) के जैसा ही होगा।

बैठक में कृषि विस्तार अधिकारियों ने बताया कि ट्रिटेड वाॅटर उपलब्ध कराने के बाद किसान फसले अधिक पैदा कर सकेंगे तथा वर्ष में दो के स्थान पर तीन फसले प्राप्त कर सकेंगे जिससे किसानों की आर्थिक उन्नति होगी। बोरिंग पानी में हार्डनेस ज्यादा होने के कारण फसलो की उत्पादन क्षमता भी प्रभावित होती थी ट्रिटेड वाॅटर में हार्डनेस कम होने से फसलों का उत्पादन भी बढने की संभावना रहेगी।

कलेक्टर सिंह द्वारा बैठक में पाईप लाईन डालने का कार्य जो कि वर्तमान में प्रगति पर है उक्त कार्य को शीघ्र पूर्ण करने के निर्देश दिये गये। किसानों को उक्त ट्रिटेड वाॅटर की उपयोगिता बताने के लिये संबंधित ग्रामीण क्षेत्र के तहसीलदार, कृषि विस्तार अधिकारी, राजस्व विभाग का स्टाफ गांव में केम्प लगाकर पानी की उपयोगिता बताने एवं जानकारी देने व किसानों को ट्रिटेड वाॅटर सिंचाई में उपयोग करने हेतु प्रोस्ताहित करने के भी निर्देश दिये गये।