क्या आप सावन में पहनते हैं ये रंग? तो जानिए क्यों माने जाते हैं ये शिव जी के अपवित्र रंग!

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By Kumari SakshiPublished On: July 13, 2025
शिव जी के अपवित्र रंग

श्रावण मास यानी सावन का महीना, भगवान शिव की भक्ति और तप का महीना माना जाता है. इस दौरान लाखों शिव भक्त उपवास रखते हैं, रुद्राभिषेक करते हैं और अपने पहनावे, खानपान और व्यवहार में विशेष संयम बरतते हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं कि सावन में कुछ विशेष रंगों के वस्त्र पहनने की मनाही भी होती है? पौराणिक मान्यताओं और धर्मशास्त्रों के अनुसार, कुछ रंग ऐसे माने जाते हैं जो शिवभक्ति के लिए शुभ नहीं होते और इन्हें धारण करने से भगवान शिव अप्रसन्न हो सकते हैं.

 सावन में इन रंगों से करें परहेज
1. लाल रंग- लाल रंग आमतौर पर शक्ति और ऊर्जा का प्रतीक माना जाता है, लेकिन सावन में यह रंग माता दुर्गा या देवी पूजा के लिए उपयुक्त माना जाता है. शिव जी ‘वैराग्य’ और ‘शांति’ के प्रतीक हैं, इसलिए यह उग्र रंग शिव भक्ति में अनुपयुक्त माना गया है.

2. काला रंग- काला रंग नकारात्मकता, शोक और तामसिक प्रवृत्ति का प्रतीक माना जाता है. चूंकि श्रावण मास एक आध्यात्मिक और सात्विक समय होता है, इसलिए काले रंग से परहेज करना चाहिए.

3. गाढ़ा चमकीला रंग- चमक-दमक और फैशन वाले रंग इस पवित्र महीने की सरलता और साधना के विरुद्ध माने जाते हैं. शिव भक्ति में आडंबर और दिखावा वर्जित है.

शिव जी के प्रिय रंग कौन से हैं?
1. सफेद रंग: सफेद रंग शांति, सात्विकता और शुद्धता का प्रतीक है. सावन में इस रंग के वस्त्र पहनने से मन शांत होता है और शिव कृपा प्राप्त होती है.

2. हल्का हरा और बिल्व पत्र रंग: हल्का हरा रंग प्रकृति और जीवन ऊर्जा का प्रतीक है. शिव जी को बिल्व पत्र अत्यंत प्रिय हैं, इसलिए इस रंग को भी शुभ माना जाता है.

3. नीला रंग (हल्का): शिव जी का गला नीलकंठ कहलाता है क्योंकि उन्होंने विष पिया था. हल्का नीला रंग उनके प्रति श्रद्धा प्रकट करने का माध्यम माना जाता है.