मिनी मुंबई कहा जाना वाला शहर इंदौर अब स्वच्छता के साथ-साथ अपनी एक अलग पहचान बनाने जा रहा है। जी हां, आपको बता दे कि इंदौर अब आईटी के बाद तेजी से खिलौना निमार्ण के क्षेत्र में भी आगे बढ़ रहा है। ये तेजी खिलौना निर्माण में कोरोना काल के बाद से लगातार देखी जा रही है। जारी किये गए आंकड़ों के मुताबिक इंदौर में इस समय 200 से अधिक खिलौना बनाने की कंपनियां है, जहां रोजाना 65 से 70 लाख खिलौनों को बनाया जा रहा है।
खिलौने बना रही इन कंपनियों में प्रमोशनल, प्लास्टिक, कैंडी और लेदर टॉय शामिल हैं। वहीं जानकारी देते हुए मध्यप्रदेश टॉय मैन्युफैक्चरिंग एसोसिएशन के सचिव सचिन गुरेजा ने बताया कि कोरोना काल के बाद इंदौर की खिलौना कंपनियों ने ब दुगुनी रफ्तार से ग्रोथ की है। जिसके मुताबिक जहां रोजाना 6 से 7 लाख खिलौना का निर्माण हो रहा था वहीं अब बढ़कर रोजाना 65 से 70 लाख खिलौने तक पहुँच चुका है।
हालांकि बढ़ते खिलौना निर्माण से बेरोजगार को रोजगार मिल रहा है जिसमें प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रूप से 35 हजार से अधिक लोग शामिल है। बता दे कि इंदौर में खिलौना उत्पादन की प्रोडक्शन वैल्यू लगभग 300 करोड़ रुपए है। इंदौरवासियों के साथ साथ पूरे भारतवासियों के लिए बेहद ख़ुशी की बात है कि पहले जहां देश में 70% खिलौने जो चीन में बनाएं जाते थे वहीं खिलौने अब भारत में ही तैयार हो रहे हैं। इसी के साथ अब इंदौर ‘कैंडी टॉय’ का हब बन चूका है।
ये कारणों से खिलौना निर्माण में आई तेजी
– केंद्र सरकार ने जब चाइना से इम्पोर्ट पर कई तरह के प्रतिबंध लगाना शुरू किए तो इंदौर के व्यापारियों ने खुद ही टॉय प्रोडक्शन शुरू कर दिया।
– इंदौर में कच्चा माल और मैन्युफैक्चरिंग से जुड़ी सभी सुविधा आसानी से उपलब्ध है।
-इंडस्ट्री को लेकर ईकोसिस्टम और सरकार की फ्रेंडली अप्रोच इंदौर के खिलौना निर्माण उद्योग को आगे बढ़ने में मदद कर रही है।